(1) उन्नीसवीं शताब्दी के यूरोप में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य होने के परिणामस्वरूप बच्चों के रूप में नये पाठक-वर्ग का उदय हुआ। मुद्रकों ने बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन शुरू किया।
(2) उन्नीसवीं सदी में पेनी मैगजीन्स या एक-पैसिया पत्रिकाएँ महिलाओं के लिए प्रकाशित की गईं। ये पत्रिकाएँ विशेष रूप से महिलाओं के लिए होती थीं। 19वीं सदी में जब उपन्यास-साहित्य का प्रकाशन होने लगा तो महिलाएँ उनकी महत्त्वपूर्ण पाठिकाएँ मानी गईं।
(3) 19वीं सदी में इंग्लैण्ड में किराये पर पुस्तकें देने वाले पुस्तकालय स्थापित किये गये, जिनका उपयोग सफेद-कालर मजदूरों, दस्तकारों एवं निम्नवर्गीय लोगों को शिक्षित करने के लिए किया गया।