भारत में सरकार द्वारा किसानों को कृषि निवेशों पर दी जाने वाली रियायतों के निम्नलिखित दुष्परिणाम सामने आये हैं-
उर्वरकों तथा जल के अधिक और अविवेकपूर्ण उपयोग से मिट्टी में जलाक्रान्तता तथा लवणता बढ़ गई है।
मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी होने से अनेक समस्याएँ पैदा हो गई हैं।
कृषि की उत्पादकता में कमी आ गई है।
ऊँचे न्यूनतम समर्थन मूल्य, निवेशों में सहायिकी (सब्सिडी) और एफ.सी.आई. द्वारा निश्चित खरीद ने फसल प्रारूप बिगाड़ दिया है।