सरल आवर्तगति करते हुए पिण्ड का विस्थापन $0.2$ मीटर हो तो उसका त्वरण 2 मी/सेकंड 2 होता है। इसकी कोणीय आवृत्ति होगी-
[1992]
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(a) $\omega^2=\frac{ a }{ x }=\frac{2.0}{0.02}=100$ $\omega=10$ रेडियन/सेकंड
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एक सरल लोलक का आयाम तथा कोणीय वेग क्रमशः $a$ तथा $\omega$ है। माध्य स्थिति से $x$ दूरी पर इसकी गतिज ऊर्जा $T$ तथा स्थितिज ऊर्जा $V$ है तो $T$ तथा $V$ का अनुपात होगा
किसी सरल आर्वत तरंग का समीकरण $ y=3 \sin \frac{\pi}{2}(50 t-x) $ जहाँ $x$ तथा $y$ मीटर में और $t$ सेकंड में है तो, अधिकतम कण $-$ वेग तथा तरंग वेग का अनुपात होगा :
दो द्रव्यमान $M _{ A }$ तथा $M _{ B }$ को दो तारों, जिनकी लम्बाइयां $L _{ A }$ तथा $L _{ B }$ है, से लटकाने पर सरल आवर्तगतियां करते है। यदि इनकी आवर्तियों में संबंध $f _{ A }=2 f _{ B }$ हो तो
एक कण दो परस्पर लम्बवत् सरल आवर्त गतियाँ इस प्रकार करते हैं कि इसके $x$ तथा $y$ अक्ष इस प्रकार दिये जाते है : $x =2 \sin \omega t ; \quad y =2 \sin A \left(\omega t +\frac{\pi}{4}\right)$ कण का पथ होगा
किसी कण को प्रदर्शित करने वाले निम्नलिखित फलनों में कौन से फलन सरल आवर्त गति को निरूपित करते है?
(A) $y=\sin \omega t-\cos \omega t$
(B) $y=\sin ^3 \omega t$
(C) $y=5 \cos \left(\frac{3 \pi}{4}-3 \omega t\right)$
(D) $y =1+\omega t +\omega^2 t ^2$
एक कण पर रेस्टोरिंग बल उसके विस्थापन के समानुपाती है तथा घर्षण बल उसके वेग के समानुपाती है जबकि उस पर $F \sin \omega t$ का बल कार्य करता है। यदि कण का आयाम $\omega=\omega_1$ पर अधिकतम हो तथा कण की ऊर्जा $\omega=\omega_2$ पर अधिकतम हो तो
दो सरल आवृत्तगति एक दूसरे के लम्बवत् है अर्थात् एक $x - $ अक्ष में तथा दूसरा $y-$ अक्ष में है। यदि दोनों का आयाम समान तथा कलान्तर $\pi / 2$ हो तो पथ होगा $-$