(1) व्यक्तिगत संसाधन-वे संसाधन जो कि निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में होते हैं, व्यक्तिगत संसाधन कहलाते हैं । गाँवों में अनेक किसानों के पास स्वयं के निजी स्वामित्व वाली भूमि होती है जिसके बदले वे सरकार को लगान चुकाते हैं। शहरों में भी लोग भूखण्ड, मकान व अन्य जायदाद के स्वामी होते हैं। निजी बाग, चरागाह, तालाब और कुओं का जल आदि निजी स्वामित्व वाले संसाधन हैं।
(2) सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन-वे संसाधन जो कि समुदाय के सभी सदस्यों को उपलब्ध होते हैं, सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन कहलाते हैं। गाँव की शामिलात भूमि, तालाब तथा नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक पार्क, पिकनिक स्थल, खेल के मैदान आदि सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन हैं।