एक पत्थर शून्य वेग से एक टॉवर के शिखर से छोड़ने पर यह पृथ्वीतल पर 5 सेकंड में पहुंचता है। खम्बे की ऊंचाई $\left( g =10\right.$ मी/सेकंड $\left.{ }^2\right)$
[1995]
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(c) $u =0, t =4$ सेकंड, $g=10$ मी/सेकंड ${ }^2$
$
h = ut +1 / 2 gt ^2=0+\frac{1}{2} \times 10 \times 4 \times 4=80 \text { मी }
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एक मोटर गाड़ी $X$ से $Y$ तक अचर चाल $v _{ u }$ से चलती है और $Y$ से $X$ तक अचर चाल $v _{ d }$ से वापस आती है। इस पूरी यात्रा के लिये गाड़ी की औसत चाल होगी :
एक कण मूल बिन्दु $(0,0)$ से आरम्भ कर $( x , y )$ तल में एक सीधी रेखा पर चलता है। कुछ समय पश्चात् के क्षण पर इसके निर्देशांक $(\sqrt{3}, 3)$ होते हैं। इस कण के चलन पथ का $x$-अक्ष के साथ कोण होगा-
एक पिण्ड को एक टॉवर के शिखर से छोड़ा गया। यह यात्रा के अंतिम दो सेकण्डों में 40 मी. चलता है। तो टॉवर की ऊंचाई होगी $\left( g =10\right.$ मी/सेकंड $\left.{ }^2\right)$
एक आदमी कुछ दो गेंदो को एक समान गति से 2 सेकंड के अंतराल पर एक-एक करके ऊपर फेंकता है। वह गेंदों को किस वेग से फेंके ताकि किसी भी समय दो से अधिक गेंदे हवा में रहे? (दिया है $g =9.8$ मी/सेकंड 2 )
एक कार विरामावस्था से चलकर कुछ समय बाद $\alpha$ त्वरण प्राप्त कर लेती है तथा फिर $\beta$ मंदन से चलकर रूक जाती है। यदि कुल लिया गया समय $t$ हो तो कार का अधिकतम वेग होगा-
$x$-अक्ष की दिशा में गतिमान एक कण के समय $t$ पर त्वरण $f$ को $f = f _0\left(1-\frac{ t }{ T }\right)$, समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है, जबकि $f _0$ और $T$ नियतांक हैं। $t=0$ पर इस कण का वेग शून्य है। समय $t=0$ और उस क्षण के बीच अन्तराल में जबकि $f =0$ होगा, कण का वेग $\left( v _{ x }\right)$ होगा-
एक सरल रेखा के अनुदिश, किसी कण की गति को समीकरण, $x=8+12 t-t^3$ द्वारा परिभाषित (प्रकट) किया जाता है। जहाँ, $x$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है। वेग शून्य होने पर कण का मंदन है :