मान लीजिए कि f एकैकी नहीं है। अतः इसके प्रांत में कम से कम दो अवयव मान लिया कि 1 तथा 2 का अस्तित्व है जिनके सहप्रांत में प्रतिबिंब समान है। साथ ही f के अंतर्गत 3 का प्रतिबिंब केवल एक ही अवयव है। अतः, परिसर में, सहप्रांत {1, 2, 3} के, अधिकतम दो ही अवय हो सकते हैं, जिससे प्रकट होता है कि f आच्छादक नहीं है, जो कि एक विरोधोक्ति है। अतः f को एकैकी होना ही चाहिए।