विमाओं $22 m \times 20 m$ वाली एक छत से वर्षा का पानी एक बेलनाकार बर्तन में जा रहा है, जिसका आधार व्यास $2 m$ और ऊँचाई $3.5 m$ है। यदि छत पर एकत्रित वर्षा के पानी से बेलनाकार बर्तन ठीक पूरा भर जाता है, तो $cm$ में वर्षा ज्ञात कीजिए।
Exercise-12.4-19
Download our app for free and get started
दिया गया है
$r =$ बेलनाकार बर्तन की त्रिज्या $= 1 m,$
$h =$ बेलनाकार बर्तन की ऊँचाई $= 3.5 m$
$\therefore$ बेलनाकार बर्तन का आयतन $= \pi r^{2}h = \frac{22}{7} \times 1^{2} \times 3.5 m^{3 }= 11 m^3,$
माना वर्षा $x m$ है। तब,
पानी का आयतन $= 22 m$
आधार वाले घनाभ का आयतन $\times 20 m$ और ऊंचाई $= (22 \times 20 \times x) m^3$
क्योंकि बर्तन में छत से निकलने वाले पानी से भरा हुआ पानी बर्तन में जाता है।
$\therefore$ पानी का आयतन $=$ बेलनाकार बर्तन का आयतन
$\Rightarrow 22\times 20 \times x = 11$
$\Rightarrow x = \frac{11}{22 \times 20}=\frac{1}{40} m$
$= \frac{100}{40} cm$
$= 2.5 \ cm$
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक $32 \ cm$ ऊँचाई और $18 \ cm$ आधार त्रिज्या वाली बेलनाकार बाल्टी रेत से भरी हुई है। इस बाल्टी को भूमि पर खाली कर लिया जाता है जिससे रेत की शंकु के आकार की एक ढेरी बनायी जाती है। यदि शंकु के आकार की इस ढेरी की ऊँचाई $24 \ cm$ है, तो इस ढेरी की त्रिज्या और तिर्यक ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
लोहे का एक खुला संदूक बनाने के लिए कितने घन सेंटीमीटर लोहे की आवश्यकता होगी, यदि इस संदूक की बाहरी विमाएँ $36 \ cm, 25 \ cm$ और $16.5 \ cm$ हैं, जबकि लोहे की मोटाई $1.5 \ cm$ है। यदि $1$ घन सेंटीमीटर लोहे का भार $7.5 g$ है, तो इस संदूक का भार भी ज्ञात कीजिए।
त्रिज्या $2 \ cm$ वाले $16$ शीशे के गोले एक घनाभाकार पेटी में पैक किये जाते हैं, जिसकी आंतरिक विमाएँ $16 \ cm \times 8 \ cm \times 8 \ cm$ हैं। इसके बाद पेटी में पानी भर दिया जाता है। पेटी में भरे गये पानी का आयतन ज्ञात कीजिए।
$4.4 m \times 2.6 m \times 1 m$ वाले लोहे के एक ठोस घनाभाकार टुकड़े को पिघलाकर एक खोखले बेलनाकार पाइप के रूप में ढाला जाता है जिसकी आंतरिक त्रिज्या $30 \ cm$ और मोटाई $5 \ cm$ है। इस पाइप की लंबाई ज्ञात कीजिए।
त्रिज्या $8 \ cm$ वाले एक धातु के ठोस अर्धगोले को पिघलाकर आधार त्रिज्या $6 \ cm$ वाले एक लंब वृत्तीय शंकु के रूप में ढाला जाता है। शंकु की ऊँचाई निर्धारित कीजिए।
एक $14 \ cm$ व्यास वाले पाइप के माध्यम से पानी $15 \ km/h$ की दर से एक घनाभाकार तालाब में जा रहा है, जो $50 m$ लंबा और $44 m$ चौड़ा है। कितने समय बाद, तालाब में पानी का स्तर $21 \ cm$ ऊँचा हो जायेगा?
एक भवन इस आकार का है जैसे कि एक बेलन के ऊपर अर्धगोलाकार गुंबज बनी हो $($देखिए आकृति$)$। गुंबज के आधार का व्यास भवन की संपूर्ण ऊँचाई का $\frac{2}{3}$ है। इस भवन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए, यदि इसके अंदर $67\frac{1}{21} m^3$ वायु है।
आंतरिक त्रिज्या $9 \ cm$ वाला एक अर्धगोलाकार कटोरा किसी द्रव से भरा हुआ है। इस द्रव को बेलनाकार बोतलों में भरा जाता है, जिनमें से प्रत्येक की त्रिज्या $1.5 \ cm$ और ऊँचाई $4 \ cm$ है। इस कटोरे को खाली करने के लिए कितनी बोतलों की आवश्यकता है?
आंतरिक त्रिज्या $1 \ cm$ वाले एक बेलनाकार पाइप के माध्यम से पानी $80 \ cm/ \sec$ की चाल से एक खाली बेलनाकार टंकी में जा रहा है, जिसकी आधार त्रिज्या $40 \ cm$ है। आधे घंटे के बाद टंकी में पानी का स्तर कितना बढ़ जायेगा?
एक फैक्टरी प्रति दिन $120000$ पेंसिल बनाती है। ये पेंसिलें बेलन के आकार की हैं तथा प्रत्येक की लंबाई $25 \ cm$ और आधार की परिधि $1.5 \ cm$ है। $₹ 0.05$ प्रति $dm^2 $ की दर से एक दिन में निर्मित पेंसिल के वक्र पृष्ठों पर रंग करवाने की लागत निर्धारित कीजिए।