क्या किसी ac परिपथ में प्रयुक्त तात्क्षणिक वोल्टता परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़े गए अवयवों के सिरों पर तात्क्षणिक वोल्टताओं के बीजगणितीय योग के बराबर होता है? क्या यही बात rms वोल्टताओं में भी लागू होती है?
एक लैंप किसी संधारित्र के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है। dc एवं ac संयोजनों के लिए अपने प्रेक्षणों की प्रागुक्ति कीजिए। प्रत्येक प्रकरण में बताइए कि संधारित्र की धारिता कम करने का क्या प्रभाव होगा?
किसी हवाई अड्डे पर सुरक्षा कारणों से, किसी व्यक्ति को धातु-संसूचक के द्वार पथ से गुजारा जाता है। यदि उसके पास कोई धातु से बनी वस्तु है, तो धातु संसूचक से एक ध्वनि निकलने लगती है। यह संसूचक किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
30 $\mu$F का एक आवेशित संधारित्र 27 mH के प्रेरित्र से जोड़ा गया है। संधारित्र पर प्रारम्भिक आवेश 6 mC है। प्रारम्भ में परिपथ में कुल कितनी ऊर्जा संचित होती है। बाद में कुल ऊर्जा कितनी होगी?
एक 44 mH का प्रेरित्र 220 V, 50 Hz आपूर्ति से जोड़ा गया है। परिपथ में धारा के rms मान को ज्ञात कीजिए।.तथा एक पूरे चक्र की अवधि में प्रत्येक परिपथ में कितनी नेट शक्ति अवशोषित होती है? अपने उत्तर का विवरण दीजिए।
ऊपर किए गए अभ्यास को पुन: कीजिए। इसमें पहले के ट्रांसफार्मर के स्थान पर 40,000-220 V का अपचयी ट्रांसफार्मर है। [पूर्व की भाँति क्षरण के कारण हानियों को नगण्य मानिए, यद्यपि अब यह सन्निकटन उचित नहीं है क्योंकि इसमें उच्च वोल्टता पर संप्रेषण होता है]। अत: समझाइए कि क्यों उच्च वोल्टता संप्रेषण अधिक वरीय है?
440 V पर शक्ति उत्पादन करने वाले किसी विद्युत संयंत्र से 15 किमी. दूर रिथत एक छोटे से कस्थे में 220 V पर 800 kW शक्ति की आवश्यकता है। विद्युत शक्ति ले जाने वाली दोनों तार की लाइनों का प्रतिरोध 0.5 $\Omega$ प्रति किलोमीटर है। कस्बे को उप-स्टेशन में लगे 4,000 - 220 V अपचयी ट्रांसफार्मर से लाइन द्वारा शक्ति पहुँचती है।
ऊष्मा के रूप में लाइन से होने वाली शक्ति के क्षय का आकलन कीजिए।
संयंत्र से कितनी शक्ति की आपूर्ति की जानी चाहिए, यदि क्षरण द्वारा शक्ति का क्षय नगण्य है।
संयंत्र के उच्चायी द्रांसफार्मर की विशेषता बतलाइए।
एक जल विद्युत शक्ति संयंत्र में जल दाब शीर्ष $300$ मी. की ऊँचाई पर है तथा उपलब्ध जल प्रवाह $100$ मी$^3/$ से$^{-1}$ है। यदि टर्बाइन जनित्र की दक्षता $60\%$ हो तो संयंत्र से उपलब्ध विद्युत शक्ति का आकलन कीजिए। $g = 9.8$ मी/ से.$^{-2}।$
एक लैंप से श्रेणीक्रम में जुड़ी चोक को एक dc लाइन से जोड़ा गया हे। लैंप तेजी से चमकता है। चोक में लोहे के क्रोड को प्रवेश कराने पर लैंप को दीप्ति में कोई अन्तर नहीं पड़ता है। यदि एक ac लाइन से लैंप का संयोजन किया जाये तो तदनुसार प्रेक्षणों की प्रागुक्ति कीजिए।
ac मेंस के साथ कार्य करने वाली फ्लोरोसेंट ट्यूब में प्रयुक्त चोक कुण्डली की आवश्यकता क्यों होती है? चोक कुण्डली के स्थान पर सामान्य प्रतिरोधक का उपयोग क्यों नहीं होता?
एक प्रयुक्त वोल्टता संकेत एक dc वोल्टता तथा उच्च आवृत्ति के एक ac वोल्टता के अध्यारोपण से निर्मित है। परिपथ एक श्रेणीबद्ध प्रेरक तथा संधारित्र से निर्मित है। दर्शाइए कि dc संकेत C तथा ac संकेत L के सिरे पर प्रकट होगा।
एक श्रेणीबद्ध LCR परिपथ के लिए जिसमें L = 3.0 H, C = 27 $\mu$ F तथा R = 7.4 $\Omega $अनुनादी आवृत्ति तथा Q कारक निकालिए। परिपथ के अनुनाद की तीक्ष्णता को सुधारने की इच्छा से अर्ध उच्चिष्ठ पर पूर्ण चौड़ाई को 2 गुणक द्वारा घटा दिया जाता है। इसके लिए उचित उपाय सुझाइए।
एक परिपथ को जिसमें 80 mH का एक प्रेरक तथा 60 $\mu$ F को संधारित्र श्रेणीक्रम में हैं, 230 V, 50 Hz की आपूर्ति से जोड़ा गया है। परिपथ का प्रतिरोध नगय है। प्रतिरोध 15 W है। परिपथ के हर अवयव को स्थानान्तरित माध्य शक्ति तथा सम्पूर्ण अवशोषित शक्ति को परिकलित कीजिए।
स्रोत की आवृत्ति को एक श्रेणीबद्ध LCR परिपथ की अनुनादी आवृत्ति के बराबर रखते हुए तीन अवयवों L,C को समान्तरक्रम में लगाते हैं। यह दर्शाइए कि समान्तर LCR परिपथ में इस आवृत्ति पर कुल धारा न्यूनतम है। इस आवृत्ति के लिए निर्दिष्ट स्रोत तथा अवयवों के लिए परिपथ की हर शाखा में धारा के rms मान को परिकलित कीजिए।
यदि परिपथ को 110 V, 12 KHz आपूर्ति से जोड़ा जाए तो
परिपथ में अधिकतम धारा कितनी है? तथा
धारा शीर्ष व वोल्टेज शीर्ष के बीच समय-पश्चता कितनी है?
इससे इस कथन की व्याख्या कीजिए कि अति उच्च आवृत्तियों पर एक संधारित्र चालक होता है। इसकी तुलना उस व्यवहार से कीजिए जो किसी dc परिपथ में एक संधारित्र प्रदर्शित करता है।
यदि परिपथ को उच्च आवृत्ति की आपूर्ति (240 V, 10 kHz) से जोड़ा जाता है तो
कुण्डली में अधिकतम धारा कितनी है?
तथा वोल्टेज शीर्ष व धारा शीर्ष के बीच समय-पश्चता (time lag) कितनी है? इससे इस कथन की व्याख्या कीजिए कि अति उच्च आवृत्ति पर किसी परिपथ में प्रेरक लगभग खुले परिपथ के तुल्य होता है। स्थिर अवस्था के पश्चात् किसी dc परिपथ में प्रेरक किस प्रकार का व्यवहार करता है।
किसी LC परिपथ में 20mH का एक प्रेरक तथा 50 $\mu$ F का एक संधारित्र है जिस पर प्रारम्भिक आवेश 10 mC है। परिपथ का प्रतिरोध नगण्य है। मान लीजिए कि वह क्षण जिस पर परिपथ बन्द किया जाता है t = 0 है।
प्रारम्भ में कुल कितनी ऊर्जा संचित है? क्या यह LC दोलनों की अवधि में संरक्षित है?
परिपथ की मूल आवृत्ति क्या है?
किसी समय पर संचित ऊर्जा
पूरी तरह से वैद्युत है (अर्थात् वह संधारित्र में संचित है)?
पूरी तरह से चुम्बकीय है (अर्थात् प्रेरक से संचित है)?
किन समयों पर सम्पूर्ण ऊर्जा प्रेरक एवं संधारित्र के मध्य समान रूप से विभाजित है?
यदि एक प्रतिरोधक को परिपथ में लगाया जाए तो कितनी ऊर्जा अन्तत: ऊष्मा के रूप में क्षयित होगी?
एक रेडियो को MW प्रसारण बैंड के एक खंड के आवृत्ति परास के एक ओर से दूसरी ओर (800 kHz से 1200 kHz) तक समस्वरित किया जा सकता है। यदि इसके LC परिपथ का प्रभावकारी प्रेरकत्व 200 $\mu $H हो, तो उसके परिवर्ती संधारित्र की परास कितनी होनी चाहिए?
283 V शिखर वोल्टता एवं 50 Hz आवृत्ति की एक ज्यावक्रीय वोल्टता एक श्रेणीबद्ध LCR परिपथ से जुड़ी है जिसमें R = $3 \Omega$, L = 25.48 mH, एवं C = 796 $\mu$F है। ज्ञात कीजिए
परिपथ की प्रतिबाधा;
स्रोत के सिरों के बीच लगी वोल्टता एवं परिपथ में प्रवाहित होने वाली धारा के बीच कला-अंतर;
विद्युत शक्ति के परिवहन के लिए प्रयुक्त होने वाले परिपथों में निम्न शक्ति गुणांक, संप्रेषण में अधिक ऊर्जा का क्षय होगा, निर्दिष्ट करता है। इसका कारण समझाइए।
परिपथ का शक्ति गुणांक, प्रायः परिपथ में उपयुक्त मान के संधारित्र का उपयोग करके सुधारा जा सकता है। यह तथ्य समझाइए।
15.0$ \mu \mathrm{F}$ का एक संधारित्र, 220 V, 50 Hz स्रोत से जोड़ा गया है। परिपथ का संधारित्रीय प्रतिघात और इसमें प्रवाहित होने वाली (rms एवं शिखर) धारा का मान बताइए। यदि आवृत्ति को दोगुना कर दिया जाए तो संधारित्रीय प्रतिघात और धारा के मान पर क्या प्रभाव होगा?
एक श्रेणी बद्ध LCR परिपथ को, जिसमें R = 20 $\Omega$, L = 1.5 H तथा C = 35 $\mu$ F, एक परिवर्ती आवृत्ति की 200 V ac आपूर्ति से जोड़ा गया है। जब आपूर्ति की आवृत्ति परिपथ की मूल आवृत्ति के बराबर होती है तो एक पूरे चक्र में परिपथ को स्थानान्तरित की गई माध्य शक्ति कितनी होगी?
एक शक्ति संप्रेषण लाइन अपचयी ट्रांसफार्मर में जिसकी प्राथमिक कुण्डली में 4000 फेरे हैं, 2300 वोल्ट पर शक्ति निवेशित करती है। 230 V की निर्गत शक्ति प्राप्त करने के लिए द्वितीयक में कितने फेरे होने चाहिए?
एक 200 $ \Omega$ प्रतिरोधक एवं एक 15.0 $\mu \mathrm{F} $ संधारित्र, किसी 220 V, 50 Hz ac स्रोत से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं।
परिपथ में धारा की गणना कीजिए;
प्रतिरोधक एवं संधारित्र के सिरों के बीच (rms) वोल्टता की गणना कीजिए। क्या इन वोल्टताओं का बीजगणितीय योग स्रोत वोल्टता से अधिक है? यदि हाँ, तो इस विरोधाभास का निराकरण कीजिए।
उदग्र तल में चालक तार की वृत्ताकार कुंडली रखी हुई है। इसकी ओर एक छड़ चुम्बक लाया जा रहा है। चुम्बक का उत्तरी ध्रुव कुंडली की ओर है। चुम्बक की तरफ से देखने पर कुंडली में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा होगी
एक वृत्ताकार लूप की त्रिज्या $R$ है, जिसमें। धारा प्रवाहित हो रही है तथा जिसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र $\mathrm{B}$ है। वृत्त के अक्ष पर उसके केन्द्र से कितनी दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान $\mathrm{B} / 8$ होगा
किसी बन्द परिपथ का प्रतिरोध 10 ओम है। इस परिपथ से $\mathrm{t}$ समय (सेकेण्ड) में, चुम्बकीय फ्लक्स (वेबर में) $\phi=6 t 2-5 t+1$ से परिवर्तित होता है। $t=0.25$ सेकेण्ड पर परिपथ में प्रवाहित धारा (एम्पियर में) होगी
कुछ वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि पृथ्वी पर नाभिकीय विश्व युद्ध के बाद प्रचंड नाभिकीय शीतकाल होगा जिसका पृथ्वी के जीवों पर विध्वंसकारी प्रभाव पड़ेगा। इस भविष्यवाणी का क्या आधार होगा?
प्रकाशीय तथा रेडियो दूरदर्शी पृथ्वी पर निर्मित किए जाते हैं किन्तु X-किरण खगोलविज्ञान का अध्ययन पृथ्वी का परिभ्रमण कर रहे उपग्रहों द्वारा ही सम्भव है। क्यों?
3 m की दूरी पर स्थित किसी 100 W बल्ब से आ रहे विकिरण द्वारा उत्पन्न विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्रों की गणना कीजिए। आप यह जानते हैं कि बल्ब की दक्षता 2.5% है और यह एक बिंदु स्रोत है।
वैद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों की पारिभाषिकी पाठ्यपुस्तक में दी गई है। सूत्र E = h$\nu$ (विकिरण के एक क्वांटम की ऊर्जा के लिए : फोटॉन) का उपयोग कीजिए तथा em वर्णक्रम के विभिन्न भागों के लिए लिए eV के मात्रक में फोटॉन की ऊर्जा निकालिए। फोटॉन ऊर्जा के जो विभिन्न परिमाण आप पाते हैं वे वैद्युतचुम्बकीय विकिरण के रत्रोतों से किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
एक समतल वैद्युतचुम्बकीय तरंग निर्वात में z-अक्ष के अनुदिश चल रही है। इसके विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्रों के सदिश की दिशा के बारे में आप क्या कहेंगे? यदि तरंग की आवृत्ति 30 MHz हो तो उसकी तरंगदैर्घ्य कितनी होगी?
$10^{-10}$ मी. तरंगदैर्घ्य की $X-$किरणों, $6800 \mathring A$ तरंगदैर्घ्य के प्रकाश, तथा $500$ मी. की रेडियो तरंगों के लिए किस भौतिक राशि का मान समान है$?$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र $R = 6.0$ सेमी. त्रिज्या की दो वृत्ताकार प्लेटों से बना है और इसकी धारिता $C = 100\ pF$ है। संधारित्र को $230V,300\ rad$ से$^{-1}$ की $($कोणीय$)$ आवृत्ति के किसी स्रोत से जोड़ा गया है।
चालन धारा का rms मान क्या है$?$
क्या चालन धारा विस्थापन धारा के बराबर है$?$
प्लेटों के बीच, अक्ष से $3.0$ सेमी. की दूरी पर स्तिथ बिन्दु पर $B$ का आयाम ज्ञात कीजिए
वैद्युतचुम्बकीय विकिरण से सम्बन्धित नीचे कुछ प्रसिद्ध अंक, भौतिकी में किसी अन्य प्रसंग में वैद्युतचुम्बकीय दिए गए हैं। स्पेक्ट्रम के उस भाग का उल्लेख कीजिए जिससे इनमें से प्रत्येक सम्बन्धित है।
21 सेमी. (अंतरातारकीय आकाश में परमाण्वीय हाइड्रोजन द्वारा उत्सर्जित तरंगदैर्घ्य)।
1057 MHz (लैंब-विचलन नाम से प्रसिद्ध, हाइड्रोजन में, पास जाने वाले दो समीपस्थ ऊर्जा स्तरों से उत्पन्न विकिरण की आवृत्ति)।
2.7 K [सम्पूर्ण अंतरिक्ष को भरने वाले समदैशिक विकिरण से सम्बन्धित ताप-ऐसा विचार जो विश्व में बड़े धमाके 'बिग बैंग' के उद्भव का अवशेष माना जाता है।]
5890 $\overset oA$ - 5896 $\overset oA$(सोडियम की द्विक रेखाएँ)।
14.4 KeV $\mid{ }^{57}$ Fe नाभिक के एक विशिष्ट संक्रमण की ऊर्जा जो प्रसिद्ध उच्च विभेदन की स्पेक्ट्रमी विविध से सम्बन्धित है (मॉसबोर स्पेक्ट्रोस्कॉपी)।।
em वर्णक्रम के विभिन्न भागों के लिए लाक्षणिक ताप परिसरों को ज्ञात करने के लिए $\lambda_{\mathrm{m}}$T = 0.29 सेमी. K सूत्र का उपयोग कीजिए। जो संख्याएँ आपको मिलती हैं वे क्या बतलाती हैं?
कल्पना कीजिए कि निर्वात में एक वैद्युतचुम्बकीय तरंग का विद्युत क्षेत्र E = $\{(3.1 \mathrm{~N} / \mathrm{C}\} \cos \mid(1.8 \mathrm{rad} / \mathrm{m}) \mathrm{y}+$ $(5.4 \times 10^{6} \mathrm{rad} / \mathrm{s}) t] \hat{i}$ है।
$18W/cm^2$ के ऊर्जा फ्लक्स का प्रकाश किसी अपरावर्तक सतह पर अभिलंबवत आपतित होता है। यदि सतह का क्षेत्रफल $20 \ cm^2$ हो तो $30$ मिनट की समयावधि में सतह पर लगने वाले औसत बल का परिकलन कीजिए।
25 MHz आवृत्ति की एक समतल वैद्युतचुंबकीय तरंग निर्वात में x-दिशा के अनुदिश गतिमान है। दिक्काल (space) में किसी विशिष्ट बिंदु पर इसका E = 6.3 $\hat{{j}}$ V/m है। इस बिंदु पर B का मान क्या है?
एक समांतर प्लेट संधारित्र जिसकी वृत्ताकार प्लेटों की त्रिज्या $1 m$ है, धारिता $1\ nF$ है। समय $t = 0$ पर इसको आवेशित करने के लिए $R = 1 M \Omega$ के एक प्रतिरोधक के साथ श्रेणीक्रम में $2 V$ की बैटरी से जोड़ा गया है। $10^{-3 }s$ के पश्चात संधारित्र के बीच में दोनों प्लेटों के केंद्र एवं उनकी परिमिति के ठीक मध्य में स्थित बिंदु $P$ पर चुंबकीय क्षेत्र का परिकलन कीजिए। $[$क्षण $t$ पर संधारित्र पर आवेश $q(t) = CV[1 - exp(-t/\tau)]$ होता है, जहाँ समय नियतांक $\tau = CR$ है$]$।
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*