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$298 K$ तथा $1 atm$ पर ऐन्ट्रापपी मान $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) निम्नलिखित है-
$H _2( g )=130.6 ; Cl _2( g )=223.0 ; HCl ( g )=186.7$ अभिक्रिया $H _2( g )+ Cl _2( g ) \longrightarrow 2 HCl ( g )$ के लिए एन्ट्रॉपी परिवर्तन $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) है-
हाइड्रोजन की आयनन ऊर्जा $1311 kJ Mol ^{-1}$ है तथा क्लोरीन के लिए यह $1256 kJ Mol ^{-1}$ है। हाइड्रोजन $H _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण करता है किन्तु क्लोरीन $Cl _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण नहीं करता है क्योंकि
गिब्स की मानक मुक्त ऊर्जा दी गई समावयवी अभिक्रिया सिस-2-पेन्टीन $\rightleftharpoons$ ट्रांस-2-पेन्टीन
के लिए $400 K$ ताप पर $-3.67 kJ /$ मोल है।
यदि ट्रांस-2-पेन्टीन को अभिक्रिया में और अधिक मिलाया जाय तो
यदि $25^{\circ} C$ ताप तथा 1 वायुमंडलीय दाब पर $C _2 H _4( g )$, $CO _2( g )$ तथा $H _2 O (\ell)$ के निर्माण की एन्थैल्पी क्रमशः $52,-394$ तथा $-286 kJ / mol$ है तो एन्थैल्पी परिवर्तन होगा-
मोलर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के समान आयतन, तनु $NaOH$ विलयन द्वारा उदासीन करने पर क्रमश: $x kCal$ तथा $y kCal$ ऊष्मा उत्सर्जित करता है। निम्नलिखित में कौन-सा सत्य है?
एक स्वचालित में होने वाली निम्न अभिक्रिया में
$
2 C _8 H _{18}( g )+25 O _2( g ) \longrightarrow 16 CO _2+18 H _2 O ( g )
$
$\Delta H , \Delta S$ तथा $\Delta G$ का चिन्ह हो सकता है:
$MY$ एवं $NY _3$ दो लगभग अविलेय लवणों का कमरे के ताप पर $K _{ sp }$ का मान, $6.2 \times 10^{-13}$ एकसमान है। निम्न में से कौन सा कथन $MY$ एवं $NY _3$ के संदर्भ में सत्य है?
यदि $N _2( g )+ O _2( g ) \rightleftharpoons 2 NO ( g )$ का साम्यावस्था
रिथरांक $K$ है, तब $\frac{1}{2} N _2( g )+\frac{1}{2} O _2( g ) \rightleftharpoons NO ( g )$ का साम्यावस्था स्थिरांक होगा :
गिब्स ऊर्जा परिवर्तन, $\Delta G ^{\circ}=+63.3$ किलोजूल को प्रयोग में लेते हुए निम्न अभिक्रिया के लिये जल में $25^{\circ} C$ पर $Ag _2 CO _3(s) \rightleftharpoons 2 Ag ^{+}(a q)+ CO _3^{2-}(a q)$ $Ag _2 CO _3(s)$ का $K _{ sp }$ होगा [ $R =8.314$ जूल केल्विन ${ }^{-1}$ मोल $\left.^{-1}\right) \quad$
एक विशेष ताप पर, अभिक्रिया $2 SO _2( g )+ O _2( g ) \rightleftharpoons 2 SO _3( g )$ के लिए साम्य स्थिरांक का मान 278 दिया गया है। उसी ताप पर निम्न अभिक्रिया $SO _3( g ) \rightleftharpoons SO _2( g )+\frac{1}{2} O _2( g )$ के
$A _2$ तथा $B _2$ द्वारा अभिव्यक्त की गई दो गैसों के बीच अभिक्रिया होने पर $AB ( g )$ यौगिक बनता है।
$
A _2( g )+ B _2( g ) \rightleftharpoons 2 AB ( g ) \text {. }
$
साम्य पर $A _2, B _2$ तथा $AB$ की सान्द्रताऐं इस प्रकार है :
$A _2$ की सान्द्रता $=3.0 \times 10^{-3} M$
$B _2$ की सान्द्रता $=4.2 \times 10^{-3} M$
$AB$ की सान्द्रता $=2.8 \times 10^{-3} M$
यदि $527^{\circ} C$, पर अभिक्रिया एक बंद पात्र में होती है तो $K _{ C }$ का मान होगा :
गुणात्मक विश्लेषण में, ग्रुप I की धातुओं को क्लोराइड लवण के रूप में अवक्षेपित करके अन्य आयनों से पृथक किया जा सकता है। एक विलयन में प्रारम्भ में $Ag ^{+}$तथा $Pb ^{2+}$ आयन हैं जिनकी सान्द्रता $0.10 M$ है। इस विलयन में जलीय $HCl$ तब तक मिलाया जाता है जब तक कि $Cl ^{-}$की सान्द्रता $0.10 M$ नहीं हो जाती। $Ag ^{+}$तथा $Pb ^{2+}$ आयन की सान्द्रताएं साम्य पर क्या होगी?
$\left( AgCl\right.$ के लिए $K _{ sp }=1.8 \times 10^{-10}$ तथा $PbCl _2$ के लिए [2011 $K _{ sp }=1.7 \times 10^{-5}$ )
एक बफर विलयन तैयार किया जाता है जिसमें $NH _3$ की सान्द्रता $0.30 M$ तथा $NH _4{ }^{+}$की सान्द्रता $0.20 M$ है। यदि $NH _3$ के साम्य स्थिरांक $K _{ b }$ का मान $1.8 \times 10^{-5}$ है तो इस विलयन के $pH$ का मान क्या है? $(\log 2.7=0.433)$.
अभिक्रिया, $X _{2( g )}+4 Y _{2( g )} \rightleftharpoons 2 XY _{2( g )}$ के लिए
$\Delta H$ का मान शून्य से कम होता है। $XY _{4( g )}$ का निर्माण अनुकूल होगा।
अभिक्रिया:
$
2 A _{( g )}+ B _{( g )} \rightleftharpoons 3 C _{( g )}+ D _{( g )}
$
$A$ तथा $B$ दोनों के ही $1.00 M$ की प्रारम्भिक सान्द्रता से आरम्भ की जाती है। जब साम्य पहुँच जाता है तब $D$ की सान्द्रता नापी जाने पर $0.25 M$ पायी जाती है। इस अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक के मान को निम्न व्यंजक से दिया जायेगा:
एक विलयन $0.20 M CH _3 COONa$ और $0.10 M$
$CH _3 COOH$ से बना है। इसमें $\left[ H ^{+}\right] mol / L$ में क्या है?
$CH _3 COOH$ के लिये $K_{ a }=1.8 \times 10^{-5}$
ऐसिटिक अम्ल तथा $HCN$ के लिये वियोजन स्थिरांक $25^{\circ} C$ पर क्रमशः $1.5 \times 10^{-5}$ तथा $4.5 \times 10^{-10}$ हैं। $CN ^{-}+ CH _3 COOH \rightleftharpoons HCN + CH _3 COO ^{-}$ साम्य के लिए साम्य स्थिरांक होगा:-
अभिक्रियाओं
$
X \rightleftharpoons Y + Z
$
$
A \rightleftharpoons 2 B
$
के लिए $Kp _1$ तथा $Kp _2$ के मान में $9: 1$ का अनुपात है। यदि $X$ तथा $A$ की वियोजन की मात्रायें बराबर हों तो साम्यावस्था (1)तथा (2) पर कुल दाबों में अनुपात है:
अभिक्रिया $HI ( g ) \rightleftharpoons \frac{1}{2} H _2( g )+\frac{1}{2} I _2$ के साम्य स्थिरांक का मान $8.0$ है।
अभिक्रिया $H _2( g )+ I _2( g ) \rightleftharpoons 2 HI ( g )$ के साम्य स्थिरांक का मान होगा:
एक $AB _2$ गैस की वियोजन साम्यावस्था को इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है?
$2 AB _2( g ) \rightleftharpoons 2 AB ( g )+ B _2( g )
$
वियोजन की डिग्री $x ^{\prime}$ है तथा 1 की तुलना में इसका मान नगण्य है। वह व्यंजक जो वियोजन डिग्री के साम्य स्थिरांक $K _{ p }$ तथा कुल दाब $P$ के साथ सम्बंधित होता है, होगा:
अभिक्रिया
$Fe ( OH )_3( s ) \rightleftharpoons Fe ^{3+}( aq )+3 OH ^{-}( aq )$ में यदि
आयनों की सान्द्रता $\frac{1}{4}$ गुना कम कर दी जाए तो
साम्यावस्था में $Fe ^{3+}$ आयन की सान्द्रता बढ़ जायेगी:
एक दुर्बल अम्ल $HA$ के लिए $K _{ a }$ का मान $1.00 \times 10^{-5}$ है। यदि अम्ल के $0.100$ मोल को एक लीटर पानी में घोला जाता है तो साम्यावस्था अम्ल का प्रतिशत वियोजन होगा
दी गई अभिक्रिया के लिए कौन सा कथन सत्य नहीं है? $ CH _4( g )+2 O _2( g ) \rightleftharpoons CO _2( g )+2 H _2 O (l) \text {, }$
$\Delta_{ r } H =-170.8 k J mol ^{-1}$
सोडियम आक्साइड $\left( pH _1\right)$, सोडियम सल्फाइड $\left( pH _2\right)$, सोडियम सेलेनाइड $\left( pH _3\right)$ और सोडियम टेल्यूराइड़ $\left( pH _4\right)$ के सममोलर विलयनों के $pH$ के बीच सही संबंध क्या है?
एक क्षार $BOH$ का $25^{\circ} C$ ताप पर वियोजन स्थिरांक
$1.0 \times 10^{-12}$ है। क्षार के $0.01 M$ जलीय विलयन में $OH ^{-}$आयन की सान्द्रता निम्नलिखित होनी चाहिए:
अम्ल-क्षार की अनुमापन क्रिया में स्टीकियोमिट्री बिन्दु पर $pH$ में तीव्र परिवर्तन ही सूचक परीक्षण का आधार है। विलयन का $pH$ मान का संबंध सूचक के संयुग्मी अम्ल $( HIn )$ तथा क्षार $\left( In ^{-1}\right)$ की सांद्रताओं के अनुपात से निम्नलिखित व्यंजक द्वारा व्यक्त किया जाता है?
निम्नलिखित साम्यताएँ दी गयी हैं?
$
\begin{array}{lll}
N _2+3 H _2 \rightleftharpoons 2 NH _3 ; & & K _1 \\
N _2+ O _2 \rightleftharpoons 2 NO ; & & K _2 \\
H _2+\frac{1}{2} O _2 \rightleftharpoons H _2 O ; & & K _3
\end{array}
$
अभिक्रिया $2 NH _3+\frac{5}{2} O _2 \rightleftharpoons 2 NO +3 H _2 O$
का साम्यावास्था स्थिरांक $K _1, K _2$ तथा $K _3$ के पदों में निम्नलिखित में से क्या है?
दी गई अभिक्रिया का अभिक्रिया भागफल (Q)
$N _{2( g )}+3 H _{2( g )} \rightleftharpoons 2 NH _{3( g )}$
$Q =\frac{\left[ NH _3\right]^2}{\left[ N _2\right]\left[ H _2\right]^3}$ द्वारा व्यक्त करते हैं। अभिक्रिया दाँयी
से बाँयी ओर गमन करेगी यदि
$AgI$ का विलेयता गुणांक $25^{\circ} C$ पर $1.0 \times 10^{-16}$
$Mol ^2 L ^{-2}$ है। $AgI$ की $10^{-4} NKI$ के विलयन में $25^{\circ} C$ पर विलेयता लगभग $\left( mol L ^{-1}\right.$ में) है:
$CH _3 COOH$ का आयनिक स्थिरांक $1.7 \times 10^{-5}$ है। यदि $H ^{+}$आयन की सान्द्रता $3.4 \times 10^{-4}$ हो, तो $CH _3 COOH$ अणुओं की आरंभिक सान्द्रता ज्ञात करें।
यदि $K _1$ तथा $K _2$ क्रमशः दो अभिक्रियाओं
$XeF _6( g )+ H _2 O ( g ) \rightleftharpoons XeOF _4( g )+2 HF ( g )$
$XeO _4( g )+ XeF _6( g ) \rightleftharpoons XeOF _4( g )+ XeO _3 F _2( g )$
के साम्यावस्था स्थिरांक है तो अभिक्रिया
$XeO _4( g )+2 HF ( g ) \rightleftharpoons XeO _3 F _2( g )+ H _2 O ( g )$ का साम्यावस्था स्थिरांक होगा:
दो चरणों की उष्माक्षेपी अभिक्रिया
$
A _2( g )+ B _2( g ) \underset{\text { चरण 1 }}{\rightleftharpoons} 3 C ( g ) \underset{\text { चरण } 2}{\rightleftharpoons} D ( g )
$
के चरण (1) तथा (2) अनुकूल होंगे क्रमश:
एक भौतिक वैज्ञानिक $3.58 pH$ का बफर विलयन बनाना चाहता है। जो बफर कारक की कम मात्रा में भी छोटे से छोटे $pH$ परिवर्तन को रोकने में सक्षम हो। निम्नलिखित में कौनसा दुर्बल अम्ल अपने सोडियम के लवण के साथ सबसे अधिक उपयोगी होगा?
यदि दी गई अभिक्रिया में साम्यावस्था पर $HI$ का विघटित भाग ' $\alpha$ ' है तो, $2 HI (g) \rightleftharpoons H _2(g)+ I _2(g), 2$ मोल $HI$ से अभिक्रिया प्रारंभ करने पर अभिकर्मकों तथा उत्पादों के मोलों की कुल संख्या साम्यावास्था पर कितनी है।
दी गई अभिक्रिया $A _2 \rightleftharpoons 2 A$ के साम्यावस्था स्थिरांक
$500 K$ तथा $700 K$ पर क्रमश: $1 \times 10^{10}$ तथा $1 \times 10^{-5}$ है। दी गई अभिक्रिया ........ है।
एस्टर के जल अपघटन में अभिक्रिया की अग्रिम दिशा (forward) तथा विपरीत दिशा का स्थिरांक क्रमशः
$1.1 \times 10^{-2}$ तथा $1.5 \times 10^{-3}$ प्रति मिनट है।
$CH _3 COOC _2 H _5+ H ^{+} \rightleftharpoons CH _3 COOH + C _2 H _5 OH$
उपरोक्त अभिक्रिया का साम्यावस्था स्थिरांक है:
यदि $K _1$ तथा $K _2$ अभिक्रिया (1) तथा (2) में क्रमशः साम्यावस्था स्थिरांक हैं
$
N _2( g )+ O _2( g ) \rightleftharpoons 2 NO ( g )
$
$NO ( g ) \rightleftharpoons \frac{1}{2} N _2( g )+\frac{1}{2} O _2( g )$ तो
I $H _2 O _2+ O _3 \rightarrow H _2 O +2 O _2 \quad$
II. $H _2 O _2+ Ag _2 O \rightarrow 2 Ag + H _2 O + O _2$
ऊपर दी गई अभिक्रियाओं में हाइड्रोजन परॉक्साइड का कार्य है
अम्लीय माध्यम में $H _2 O _2, Cr _2 O _7^{-2}$ को $CrO _5$ जिसमें कि दो $(- O - O )$ आबन्ध है में परिवर्तित करता है। $CrO _5$ में $Cr$ की ऑक्सीकरण अवस्था है
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