किस स्थिति में आदर्श गैस का शुद्ध नमूना न केवल एक atm दाब उत्पन्न करता है बल्लि एक मोल प्रति लीटर सान्द्रता भी उत्पन्न करता है।
(R = 0.082 लीटर एटमोस्फेयर प्रति मोल डिग्री)
एक गैस आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती हुई कही जाती है जब कि $\mathrm{PV} / \mathrm{T}=$ स्थिरांक का सम्बंध स्थापित होता है। आप कब कह सकते हैं कि एक वास्तविक गैस एक आदर्श गैस की तरह व्यवहार करेगी?
एक 5 लीटर के बन्द फ्लास्क में $1.0 \mathrm{~g} \mathrm{H}_{2}$ को $300 \mathrm{~K}$ से $600 \mathrm{~K}$ ताप तक गर्म किया जाता है। कौनसा कथन सत्य नहीं है?
एक बन्द फ्लास्क में $0^{\circ} \mathrm{C}$ पर जल की तीनों अवस्थाएँ ठोस, तरल व गैस उपस्थित है। इस अवस्था में जल $\begin{array}{llllll}\text { के अणुओं } & \text { की } & \text { औसत } & \text { गतिज } & \text { ऊर्जा } & \text { I1992 }\end{array}$
यदि $\mathrm{P}, \mathrm{V}, \mathrm{M}, \mathrm{T}$ और $\mathrm{R}$ क्रमशः दाब, आयतन, मोलर, द्रव्यमान, ताप और गैस स्थिरांक हो, तो आदर्श गैस के लिए घनत्व निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्रकट करते है?
यदि $500 \mathrm{ml}$ गैस $\mathrm{A} 400$ टॉर पर तथा $666.6 \mathrm{ml}$ गैस $\mathrm{B}$ 600 टॉर पर एक 3 लीटर के बर्तन में रखी गयी है। निकाय का दाब निम्नलिखित में से क्या होगा?
नाइट्रोजन, आक्सीजन तथा कार्बन के मिश्रण को गर्म करने पर दो यौगिक (कई यौगिकों में ) प्राप्त किए जाते हैं। प्राप्त दो यौगिकों में विसरण की दर लगभग समान है। दोनों यौगिक निम्नलिखित में से कौन से है?
एक गैसों के मिश्रण में $\mathrm{H}_{2}$ तथा $\mathrm{O}_{2}$ का मोलर अनुपात 8: 1 है। मिश्रण में $\mathrm{H}_{2}: \mathrm{O}_{2}$ के द्रव्यमान का भारानुसार अनुपात होना चाहिए :-
उष्माक्षेपी अभिक्रिया के लिये तापमान $T_1$ एवं $T_2$ पर साम्यावस्था स्थिरांक क्रमशः $K _{ p }$ और $K _{ p }^{\prime}$ है। यदि यह मान लें कि तापमान सीमा $T_1$ एवं $T_2$, के बीच अभिक्रिया की ऊष्मा स्थिर है। तो आसानी से प्रेक्षित है
अभिक्रिया के लिये
$
X _2 O _4(\ell) \rightarrow 2 XO _2( g )
$
300 केल्विन पर $\Delta U =2.1$ किलोकैलोरी,
$\Delta S =20$ कैलोरी केल्विन
तो $\Delta G$ है
$500^{\circ} C$ पर $Al _2 O _3$ के विघटन के लिये गिब्स ऊर्जा निम्नलिखित होती है :
$
\frac{2}{3} Al _2 O _3 \longrightarrow \frac{4}{3} Al + O _2 ; \Delta_{ r } G =+960 kJ mol ^{-1}
$
$500^{\circ} C$ पर एल्यूमीनियम ऑक्साइड $\left( Al _2 O _3\right)$ के विद्युत अपचयन के लिये विभव अंतर कम से कम होता है।
मान लें कि जल वाष्प आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती है।
दो मोनोएटॉमिक गैसों, $A$ तथा $B$ के बराबर आयतन समान ताप और दाब पर मिलाये जाते हैं। मिश्रण की आपेक्षिक ऊष्मा $\left( C _{ p } / C _{ v }\right)$ का अनुपात होगा :
$100^{\circ} C$ पर जल की मानक वाष्पीकरण एन्थैल्पी $\Delta_{\text {vap }} H ^{\circ} 40.66 kJ mol ^{-1}$ है। इसी ताप पर $\left(100^{\circ} C \right)$ जल के वाष्पीकरण की आन्तरिक ऊर्जा $\left( kJ mol ^{-1}\right.$ में) होगी :
निम्न अभिक्रियाओं में से किसमें मानक एन्ट्रॉपी परिवर्तन
$\left(\Delta S ^{\circ}\right)$ धनात्मक है तथा ताप के बढ़ने से गिब्ज ऊर्जा परिवर्तन $\left(\Delta G ^{\circ}\right)$ तेजी से घटता है।
निम्न प्रक्रमों पर विचार कीजिए।
$
\begin{array}{lc}
& \Delta H ( kJ / mol ) \\
1 / 2 A \rightarrow B & +150 \\
3 B \rightarrow 2 C + D & -125 \\
E + A \rightarrow 2 D & +350
\end{array}
$
For $B + D \rightarrow E +2 C , \Delta H$ will be :
1 वायुमण्डलीय दाब पर, जल के वाष्पीकरण के लिए $\Delta H$ तथा $\Delta S$ के मान क्रमशः $40.63 kJmol ^{-1}$ तथा $108.8 JK ^{-1} mol ^{-1}$ है। वह ताप, जिस पर इस रूपान्तरण के लिए गिब्स ऊर्जा $(\Delta G)$ परिवर्तन का मान शून्य होगा, है:
सूची -I (समीकरणों) को सूची-II (प्रक्रम के प्रकार) से
सूची-I सूची -II
समीकरण प्रक्रम का प्रकार
(A) $K _{ p }> Q$ (i) अस्वत:
(B) $\Delta G ^{\circ}< RT \operatorname{In} Q$
(ii) साम्य
(C) $K _{ p }= Q$
(iii) स्वतः और ऊष्माशोषी
(D) $\quad T >\frac{\Delta H }{\Delta S }$
(iv) स्वत:
निम्न दो अभिक्रियाऐं ज्ञात हैं: $ Fe _2 O _{3( s )}+3 CO _{( g )} \longrightarrow 2 Fe _{( s )}+3 CO _{2( g )} ;$
$FeO _{( s )}+ CO _{( g )} \longrightarrow Fe _{( s )}+ CO _{2( g )} ;{ }_{\Delta H =-16.5 kJ }$
निम्न अभिक्रिया के लिए $\Delta H$ का मान है: $ Fe _2 O _{3( s )}+ CO _{( g )} \longrightarrow 2 FeO _{( s )}+ CO _{2( g )} \text { is; } $
$X _2, Y _2$ और $XY _3$ के लिये मानक एन्ट्रापियाँ क्रमशः 60,40 और $50 JK ^{-1} mol ^{-1}$ हैं। अभिक्रिया $\frac{1}{2} X _2+\frac{3}{2} Y _2 \rightleftharpoons XY _3, \Delta H=-30 kJ$
को तुल्यावस्था पर होने के लिये ताप होना चाहिए:
अभिक्रिया $C _{\text {(graphite) }}+ CO _2( g ) \rightarrow 2 CO _{( g )}$ के लिये $\Delta H$ तथा $\Delta S$ के मान क्रमशः $170 kJ$ तथा $170 JK ^{-1}$ हैं। यह अभिक्रिया स्वतः होगी:-
निम्न अभिक्रियों में (i) $H _{\text {(aq) }}^{+}+ OH _{\text {(aq) }}^{-} \longrightarrow H _2 O _{(\ell)}$
$\Delta H =- X _1 kJ mol ^{-1}$ (ii) $H _{2( g )}+\frac{1}{2} O _{2( g )} \longrightarrow H _2 O _{(\ell)}$
$\Delta H =- X _2 kJ mol ^{-1}$ (iii) $CO _{2( g )}+ H _{2( g )} \longrightarrow CO _{( g )}+ H _2 O$
$\Delta H _3=- X _3 kJ mol ^{-1}$ (iv) $ C _2 H _{2( g )}+\frac{5}{2} O _{2( g )} \rightarrow 2 CO _{2( g )}+ H _2 O _{(\ell)}$
$\Delta H =- X _3 kJ mol ^{-1} $ तो $H _2 O _{(\ell)}$ की संभवन ऊर्जा होगी
$H - H$ तथा $Cl - Cl$ की आबंध ऊर्जा क्रमशः $430 kJ$ $mol ^{-1}$ तथा $240 kJ mol ^{-1}$ है और $HCl$ के लिए $\Delta H _{ f }$ का मान $-90 kJ mol ^{-1}$ तो $HCl$ की बन्धन ऊर्जा होगी
चक्रीय हेक्सेन के हाइड्रोजनीकरण की एन्थेल्पी $-119.5$
$kJ mol ^{-1}$ है। यदि बेन्जीन की अनुनाद ऊर्जा $-150.4$
$kJ mol ^{-1}$ है, तो इसकी हाइड्रोजनीकरण एन्थैल्पी होगी-
अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी तथा ऐन्ट्रॉपी परिवर्तन क्रमशः $30 kJ mol ^{-1}$ तथा $105 JK ^{-1} mol ^{-1}$ है। किस ताप पर अभिक्रिया साम्य अवस्था को प्राप्त करेगी।
$298 K$ ताप पर अमोनिया के उपचयन का मानक
एन्थैल्पी तथा मानक एन्ट्रॉपी परिवर्तन क्रमशः $-382.64$
तथा $-145.6 JK ^{-1} mol ^{-1}$ है। समान अभिक्रिया के
लिए $298 K$ पर मानक गिब्स ऊर्जा परिवर्तन है-
यदि $H - H , Br - Br$ तथा $H - Br$ की आबंध ऊर्जा क्रमशः 433,192 तथा $364 kJ mol ^{-1}$ है तो अभिक्रिया $H _2( g )+ Br _2( g ) \rightarrow 2 HBr ( g )$ के लिए $\Delta H ^{\circ}$ है-
$298 K$ ताप पर ग्रेफाइट तथा हीरे का घनत्व क्रमश:
$2.25$ तथा $3.31 g cm ^{-3}$ है। यदि मानक मुक्त ऊर्जा में अंतर $\left(\Delta G ^{\circ}\right) 1895 J mol ^{-1}$ के बराबर हो तो $298 K$ ताप पर ग्रेफाइट से हीरे में परिवर्तन के लिए दाब होगा-
जब एक मोल बर्फ को $0^{\circ} C$ ताप पर जल में परिवर्तित किया जाता है तो ऐन्ट्रॉपी परिवर्तन $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) होता है। $\left(0^{\circ} C\right.$ ताप पर बर्फ से जल बनने पर एन्थैल्पी परिवर्तन $6.0 K mol ^{-1}$ है)
समीकरण $2 H _2 O _2(\ell) \rightarrow 2 H _2 O (\ell)+ O _2( g )$ के लिए एन्थैल्पी परिवर्तन क्या है यदि $H _2 O _2(\ell)$ तथा $H _2 O (\ell)$ के निर्माण की संभवन ऊर्जा क्रमशः $-188$ तथा $-286$ $k J mole ^{-1}$ हो?
एक आदर्श गैस के 2 मोल को $27^{\circ} C$ ताप पर 2 लीटर से 20 लीटर तक उत्क्रमणीय रूप से फैलाया जाता है तो इसका एन्थैल्पी परिवर्तन होगा $-( R =2 Cal / mole K )$
$C ( s ), H _2( g )$ तथा $CH _4( g )$ की ज्वलन उष्मा $\left(\Delta H ^{\circ}\right)$ क्रमशः $-94,-68$, तथा $-213 kCal / mol$ है, तब $C ( s )+2 H _2( g ) \longrightarrow CH _4( g )$ के लिए $\Delta H ^{\circ}$ है-
$CH _4+\frac{1}{2} O _2 \rightarrow CH _3 OH$ की ऐन्थैल्पी ऋणात्मक है। यदि $CH _4$ एवं $CH _3 OH$ की दहन ऊष्मा क्रमशः $x$ तथा $y$ हो तो कौन सा संबंध सत्य है-
$\Delta G$ का मान धातुकर्म में महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए $800^{\circ} C$ ताप पर $\Delta G$ का मान है- $ S _{2( s )}+2 O _{2( g )} \longrightarrow 2 SO _{2( g )} ; \Delta G =-544 kJ$
$2 Zn _{( s )}+ S _{2( s )} \longrightarrow 2 ZnS _{( s )} ; \Delta G =-293 kJ$
$2 Zn _{( s )}+ O _{2( g )} \longrightarrow 2 ZnO _{( s )} ; \Delta G =-480 kJ $ तब अभिक्रिया $ 2 ZnS _{( s )}+3 O _{2( g )} \longrightarrow 2 ZnO _{( s )}+2 SO _{2( g )} $ के लिए $\Delta G$ का मान होगा-
एक काल्पनिक अभिक्रिया $A \rightarrow B$, के लिए अग्र तथा पश्च अभिक्रियाओं की सक्रियण ऊर्जाएँ क्रमश: $19 kJ /$ Mole तथा $9 kJ / Mole$ है। अभिक्रिया की उष्मा है-
एक मोल आदर्श गैस का, प्रारंभिक आयतन 1 लीटर से 10 लीटर तक समतापीय प्रसारित किया गया है। इस प्रक्रम के लिए $\Delta E \left( R =2 cal mol ^{-1}\right)$ है-
दिया गया है कि
$C + O _2 \rightarrow CO _2: \Delta H ^{\circ}=- x kJ$
$2 CO + O _2 \rightarrow 2 CO _2: \Delta H ^{\circ}=- y kJ$
कार्बन मोनोआक्साइड के निर्माण की एन्थैल्पी होगी-
$298 K$ तथा $1 atm$ पर ऐन्ट्रापपी मान $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) निम्नलिखित है-
$H _2( g )=130.6 ; Cl _2( g )=223.0 ; HCl ( g )=186.7$ अभिक्रिया $H _2( g )+ Cl _2( g ) \longrightarrow 2 HCl ( g )$ के लिए एन्ट्रॉपी परिवर्तन $\left( J K ^{-1} mol ^{-1}\right.$ में) है-
हाइड्रोजन की आयनन ऊर्जा $1311 kJ Mol ^{-1}$ है तथा क्लोरीन के लिए यह $1256 kJ Mol ^{-1}$ है। हाइड्रोजन $H _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण करता है किन्तु क्लोरीन $Cl _{( aq )}^{+}$आयन का निर्माण नहीं करता है क्योंकि
गिब्स की मानक मुक्त ऊर्जा दी गई समावयवी अभिक्रिया सिस-2-पेन्टीन $\rightleftharpoons$ ट्रांस-2-पेन्टीन
के लिए $400 K$ ताप पर $-3.67 kJ /$ मोल है।
यदि ट्रांस-2-पेन्टीन को अभिक्रिया में और अधिक मिलाया जाय तो
यदि $25^{\circ} C$ ताप तथा 1 वायुमंडलीय दाब पर $C _2 H _4( g )$, $CO _2( g )$ तथा $H _2 O (\ell)$ के निर्माण की एन्थैल्पी क्रमशः $52,-394$ तथा $-286 kJ / mol$ है तो एन्थैल्पी परिवर्तन होगा-
मोलर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के समान आयतन, तनु $NaOH$ विलयन द्वारा उदासीन करने पर क्रमश: $x kCal$ तथा $y kCal$ ऊष्मा उत्सर्जित करता है। निम्नलिखित में कौन-सा सत्य है?
एक स्वचालित में होने वाली निम्न अभिक्रिया में
$
2 C _8 H _{18}( g )+25 O _2( g ) \longrightarrow 16 CO _2+18 H _2 O ( g )
$
$\Delta H , \Delta S$ तथा $\Delta G$ का चिन्ह हो सकता है:
$MY$ एवं $NY _3$ दो लगभग अविलेय लवणों का कमरे के ताप पर $K _{ sp }$ का मान, $6.2 \times 10^{-13}$ एकसमान है। निम्न में से कौन सा कथन $MY$ एवं $NY _3$ के संदर्भ में सत्य है?
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