किसी प्लेट से छाप लेकर जो कि पूर्ण माध्यम व जीवाणुओं की कॉलोनी युक्त हो, इसमें से आप स्ट्रेप्टोमाइसिन विरोधी उत्परिवर्तकों को चुन सकते हैं तथा यह सिद्ध कर सकते हैं कि उत्परिवर्तन अनुकूलन के रूप मे उत्पन्न नहीं होते। इन छापों का प्रयोग होना चाहिये-
मानव की उत्पत्ति के सम्बन्ध में दो विरोधी मत हैं। एक मत के अनुसार, एशिया में होमो इरक्टस आधुनिक मानव के पूर्वज थे। DNA की विभिन्नता का अध्ययन आधुनिक मानव की अफ्रीकन उत्पत्ति को प्रमाणित करता है। DNA भिन्नता का किस प्रकार का अध्ययन इस बात को प्रमाणित कर सकता है-
पूर्व में जीवाश्मों की आयु, रेडियो-कार्बन विधि द्वारा या चट्टानों में उपस्थित रेडियो-सक्रिय तत्वों के अध्ययन विधि द्वारा निर्धारित की जाती थी। वर्तमान में प्रयोग कि गयी अधिक शुद्ध विधियां जिन्होंने विभिन्न जंतुओं के विकासीय इतिहास के पुनर्लेखन में सहायता की में शामिल होती है-
ड्रोसोफिला में अंग विभेदन के दौरान प्रायः एक अंग अन्य अंग में परिवर्तित हो जाता है, जैसे कि पँखों को पादों द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है। वे जीन्स जो इस प्रकार के कायान्तरण के लिए जिम्मेदार होते हैं, कहलाते हैं-
स्तनियों के ह्ददय के क्रमिक विकास में साधारणतया यह देखा जाता है कि पहले यह मछलियों के ह्रदय की भांति द्विवेश्मी फिर मेंढक में हृदय की भांति त्रिवेश्मी व अन्त में चतुर्वेश्मी हो जाता है। यह तथ्य कौन सी परिकल्पना से सम्बन्धित है?
गैलापोगोस द्वीपों पर पायी जाने वाली फिन्चों में विभिन्न पोषण विधियों के कारण इनकी चोंच में पायी जाने वाली विभिन्नताएँ, डार्विन के अनुसार, प्रमाण प्रस्तुत कराती हैं-
उच्चतर कशेरकियों में, प्रतिरक्षा तंत्र स्व:कोशिकाओं और गैर-कोशिकाओं में भेद कर सकता है। यदि तंत्र का आनुवंशिक अपसामान्यता के कारण यट गुण नप्ट हो जाए और वट स्व-कोशिकाओं को नप्ट करने लगे तो इसके परिणामस्वरूप क्या होगा?
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