इनमें उन्नत फसल की किस् प्राप्त करने के लिए कृत्रिम संकरण की प्रक्रिया को समझाइये- (i) द्विलिंगी पुष्प धारण करने वाले पादप और (ii) एकलिंगी पुष्प उत्पत्र करने वाले मादा जनक।
(a) घास के भ्रूण के L.S. काट का नामांकित चित्र बनाकर (कोई छः नामांकन करे) (b) निम्न को कारण सहित समझाइए। (i) आवृत्तबीजी पुष्प के परागकोश द्विकोष्ठी कहलाता है। (ii) संकर बीज का निर्माण प्रत्येक वर्ष किया जाता है।
किसी पुष्प के विभिन्न भागों का अध्ययन यह पहचानने में कैसे मदद करता है कि इसमें परागण अभिकर्ता वायु है ?###एक वायु परागित पादप के किन्हीं छह अनुकूलनीय पुष्पीय अभिलक्षणों को लिखिए।
आवृत्तबीजी पादपों की प्रमुख घटना दोहरा निषेचन तथा त्रिसंलयन से आपका क्या अभिप्राय है? एक पुष्पी पादप में परागण में निषेचन तंक की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
पुष्पी पौधे में परिपक्व भ्रूणकोश के बनने तक गुरूबीजाणु मातृकोशिका के परिवर्धन का वर्णन कीजिए।### मादा युग्मकोद्भिद् के विकास की क्रिया विस्तार से समझाइए। इसका चित्र बनाइए।
विवरण दीजिए - (i) एक बीजपत्री बीज के अनुदैर्ध्य काट का नामांकित चित्र बनाइये। (ii) द्विबीजपत्री पादपों में भूणपोष का विकास (iii) गैर-एल्बुमिनस व एल्बुमिनस बीज
एक पराग मातृ कोशिका किस प्रकार परागकण में परिवर्तित होती है ? अवस्थाओं का सचित्र प्रदर्शन कीजिए।###आवृत्त बीजियों में सूक्ष्म बीजाणु मातृ कोशिका से एक 3-कोशिका परागकण बनने में होने वाली घटनाओं का क्रमवत् वर्णन कीजिए।
मक्का के दाने के अनुदैर्ध्य काट का चित्र बनाइए तथा निम्न को नामांकित कीजिए। (i) फलभित्ति (Pericarp) (ii) प्रशल्क (Scutellum) (iii) प्रांकुर चोल (Coleoptile) (iv) मूलांकुर (Radicle)
बीजों के निर्माण के लिए निषेचन आवश्यक है लेकिन कुछ आवृत्तवीजी बीजों का विकास बिना निषेचन के होता है ? (i) आवृत्तबीजी का एक उदारण दीजिए जो बिना निषेचन के बीज उत्पन्न करता है। प्रक्रिया का नाम लिखिए। (ii) उन दो विधियों को समझाइये जिनके द्वारा बिना निषेचन के बीजों का का वि विकास होता है।
बीज निर्माण में निषेचन आवश्यक है, लेकिन कुछ आवृत्तबीजी पादपों में बगैर निषेचन के बीज विकसित होते हैं। (i) आवृत्तबीजी का एक उदाहरण बताइए जिसमें बिना निषेचन के फल का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया का नाम बताइए। (ii) बिना निषेचन के बीज निर्माण के दो प्रकार समझाइए।
(a) कोई ऐसी चार युक्तियाँ बताइए जो पुष्पी पौधें अपने अन्दर स्वपरागण या ऑटोगेमी को रोकने के लिए अपनाते हैं। (b) सजात पुष्पीय परागण को आनुवांशिक स्वयुग्मन भी कहा जाता है। क्यों ?
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