इनमें से कौन-से विज्ञापन सार्वजनिक हैं और कौन से व्यावसायिक ? नीचे दी गयी तालिका में भरें। फिर अपने अनुभव के आधार पर कुछ और उदाहरण जोड़ें। कोल्डड्रिंक्स का विज्ञापन पल्स पोलियो का विज्ञापन मोबाइल का विज्ञापन । असुरक्षित रेलवे क्रासिंग को पार करने का विज्ञापन ।
किसी साप्ताहिक बाजार में दुकानें लगाने वालों से बातचीत करके अनुभव लिखें कि उन्होंने यह काम कब और कैसे शुरू किया? पैसों की व्यवस्था कैसे की? कहाँ-कहाँ दकानें लगाता/लगाती हैं? सामान कहाँ से खरीदता/खरीदती है ?
पीने के लिए चाय बनाने में चीनी ध तथा चाय पत्ती का प्रयोग होता है। आपस में चर्चा करें कि ये वस्तुएँ बाजार की किस शृंखला से होते हुए आप तक पहुँचती है ? क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं जिन्होंने इन वस्तुओं के उत्पदन एवं व्यापार में मदद की होगी?
यहाँ दिये गये कथनों का सही क्रम में सजाएं और फिर नीचे बने गोलों में सही क्रम के अंक भर दें। प्रथम दो गोलों में आपके लिए पहले से ही अंक भर दिये गये हैं।
मखाना उत्पादक किसान एवं उनसे जुड़े मजदूरों के काम के हालात और उन्हें प्राप्त होने वाले लाभ या मजदूरी का वर्णन करें ? क्या आप सोचते हैं कि उनके साथ न्याय होता है?
बिहार में मक्का उद्योग लगाने की काफी संभावनाएं हैं। इन इकाइयों के द्वारा मक्के के विभिन्न उत्पाद जैसे – स्टार्च, बेबीकान, पॉपकार्न, कार्न-फ्लेक्स, मक्के का आटा, मुर्गियों का चारा, मक्के का तेल । आदि बनाया जा सकता है। इनके क्या फायदे नुकसान है, चर्चा करें।
स्वतंत्रता के पूर्व बिहार को देश का चीनी का कटोरा कहा जाता था। 1942-43 में राज्य में कुल 32 चीनी मिलें थीं जबकि देश मे मिर्फ 140 चीनी मिलें थीं। वहीं 2000 तक राज्य में चीनी मिलों की संख्या घटकर सिर्फ 10 रह गयी जबकि भारतवर्ष में चीनी मिलों की संख्या बढ़कर 495 हो गयी।
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