एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक $X$ की अर्द्ध-आयु $1.4 \times 10^9$ वर्ष है। यह क्षयित होकर $Y$ में रूपान्तरित हो जाता है जो स्थायी है। किसी गुफा की एक चट्टान में $X$ तथा $Y$ का अनुपात $1: 7$ पाया गया तो, इस चट्टान की आयु होगी
${ }_3^7 Li$ तथा ${ }_2^4 He$ की प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा, क्रमशः $5.6 MeV$ तथा $7.06 MeV$ है तो, निम्नांकित नाभिकीय अभिक्रिया ${ }_3^7 Li +{ }_1^1 H \rightarrow{ }_2^4 He + Q$ में मुक्त ऊर्जा $Q$ का मान होगा
संलयन प्रक्रम द्वारा हाइड्रोजन की कुछ मात्रा का हीलियम में परिवर्तन होता है। इस प्रक्रम में द्रव्यमान क्षति $0.02866$ $u$ है तो, प्रति $u$ मुक्त ऊर्जा होगी :
$($ दिया है $1=931 MeV )$
किसी रेडियोएक्टिव (रेडियोधर्मी) समस्थानिक $' X \ '$ की अर्ध आयु 20 वर्ष है। विघटित होकर यह $' V \ '$ तत्व में परिवर्तित हो जाता है, जो स्थायी है। किसी चटट्न में $' X \ '$ तथा $' V \ '$ का अनुपात $1: 7$ पाया जाता है तो, चट्टान की अनुमानित आयु होगी:
किसी रेडियोएक्टिव नाभिक की अर्ध$-$आयु 50 दिन है तो, इसके $\frac{2}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_2$ तथा $\frac{1}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_1$ का समय अन्तराल $\left(t_2-t_1\right)$ होगा:
एक मिश्रण में क्रमशः $20 s$ तथा $10 s$ अर्द्ध आयु के दो रेडियोधर्मि पदार्थ $A_1$ और $A_2$ हैं। प्रारम्भ में मिश्रण में $A_1$ और $A_2$ की मात्राऐं क्रमश $40 g$ तथा $160 g$ है तो, कितने समय पश्चात् मिश्रण में दोनों की मात्र समान हो जायेगी?
किसी सेम्पल (निदर्श) में दो रेडियोएक्टिव नाभिक $P$ और $Q$ क्षयित होकर एक स्थायी नाभिक $R$ में परिवर्तित हो जाते हैं। जिसकी समय $t=0$ पर, $P$ के नाभिक $4 N _0$ और $Q$ के $N _0$ है। $( R$ में परिवर्तित होने के लिये $) P$ की अर्ध आयु $1$ मिनट और $Q$ की $2$ मिनट हैं प्रारम्भ में सेम्पल $($ निदर्श $)$ में $R$ के नाभिक उपस्थित नहीं है। जब निदर्श में $P$ और $Q$ के नाभिकों की संख्या बराबर है, तब उनमें $R$ के नाभिकों की संख्या होगी-
किसी रेडियोएक्टिव समस्थानिक $' X \ '$ की अर्ध आयु $50$ वर्ष है। इसके क्षय होने से तत्व $' Y \ '$ बनता है जो स्थायी है। किसी चट्टान के निदर्श $($ सेम्पल $)$ में $' X \ '$ और $' Y \ '$ तत्वों का अनुपात $1: 15$ पाया गया तो चट्टान की आयु का आकलन किया गया है:
एक रेडियो समस्थानिक का क्षय-नियतांक $\lambda$ है। यदि इसकी समय $t_1$ और $t_2$ पर सक्रियता क्रमशः $A_1$ और $A_2$ हो तो $\left(t_1-t_2\right)$ समयावधि में क्ष्षित नाभिकों की संख्या होगी
ड्यूटिरियम और हीलियम के नाभिकों की प्रति न्यूक्लिओंन बंधन ऊर्जा क्रमशः $1.1 MeV$ और $7.0 MeV$ है। जब दो ड्यूटिरियम नाभिकों के संलयन से हीलियम नाभिक बनता है तो, इस संलयन में मुक्त ऊर्जा है
किसी रेडियोऐक्टिव नमूने की सक्रियता $t=0$ समय पर, $N_0$ काउंट प्रति मिनट और $t =5$ मिनट पर $N _0 / e$ काउंट प्रति मिनट मापी गई है। कितने समय $($ मिनटों में $)$ पर सक्रियता अपने मान की आधी हो जायेगी?
एक ${ }_3^7 Li$ नाभिक का द्रव्यमान इसके सभी न्यूक्लिऑनो के द्रव्यमानों के योग से $0.042 u$ कम है, तो ${ }_3^7 L i$ नाभिक की प्रति न्यूक्लिआँन बंधन उर्जा लगभग है
एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उसके द्वारा उत्सर्जित ऐल्फा कणों की संख्या से दोगुनी है। प्राप्त हुआ पुत्री पदार्थ मूल पदार्थ का:-
इस नाभिकीय क्षय में:
${ }_{ A }^{ A } X \longrightarrow{ }_{ Z +1}^{ A } Y \longrightarrow{ }_{ Z -1}^{ A -4} B ^* \longrightarrow \stackrel{ A -4}{ Z -1} B$
उत्सर्जित कणों का क्रम होगा:-
यदि $M ( A ; Z ), M _{ p }$ और $M _{ n }$ क्रमानुसार केन्द्रक ${ }_{ Z }^{ A } X$, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान $u$ इकाई में $(1 u =931.5$ $MeV / C ^2$ ) व्यक्त करते हों और $BE$ आबन्धन ऊर्जा को $MeV$ इकाई में व्यक्त करें, तो होगा :
दो रेडियो-सक्रिय पदार्थों $X _1$ और $X _2$ के क्षय नियतांक क्रमानुसार $5 \lambda$ और $\lambda$ हैं। यदि आरम्भ में उनके केन्द्रकों की संख्याएँ समान हों तो कितने समय पश्चात $X _1$ और $X _2$ में बचे केन्द्रकों का अनुपात $\frac{1}{ e }$ होगा?
दो रेडियोधर्मी पदार्थों $A$ और $B$ के क्षय नियतांक क्रमशः $5 \lambda$ और $\lambda$ हैं। समय $t=0$ पर उनके नाभिकों की संख्याएँ समान हैं। किस समय अन्तराल के पश्चात $A$ और $B$ की संख्याओं का अनुपात $(1 / e )^2$ होगा?
एक नाभिक $Z _Z X$ के द्रव्यमान को $M ( A , Z )$ द्वारा व्यक्त किया जाता है। यदि $M _{ p }$ और $M _{ n }$ क्रमानुसार प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमानों को व्यक्त करते हों और $B.E., MeV$ मात्रकों में बंधक ऊर्जा को सूचित करता हो तो
अभिक्रिया ${ }_1 H ^2{ }_1 H ^3 \longrightarrow 2 He ^4+{ }_6 n ^1$ में ${ }_1 H ^2,{ }_1 H ^3$, ${ }_2 He ^4$ की बंधन ऊर्जा क्रमशः $a , b$ तथा $c ( MeV )$ में है तो इस अभिक्रिया में निकली ऊर्जा $( MeV )$ है
$M _{ p }$ तथा $M _{ n }$ प्रोटॉन तथा न्यूटौन द्रव्यमान दर्शाते हैं, एक नाभिक जिसमें न्यूट्रॉन संख्या $N$, प्रोटॉन संख्या $Z$ तथा बंधन ऊर्जा $B$ है तो नाभिक $M ( N , Z )$ का द्रव्यमान होगा
दो रेडियोएक्टिव पदार्थ $A$ तथा $B$ की अर्द्ध-आयु $20$ मिनट तथा $40$ मिनट है। प्रारम्भ में $A$ तथा $B$ में समान मात्रा में नाभिक है। $80$ मिनट के बाद $A$ तथा $B$ में बचे हुए नाभिकों की तुलना करें
बोरॉन का अणुभार $10.81$ है। इसके दो समस्थानिक ${ }_5 B ^{10}$ और ${ }_5 B ^{11}$ है। तो प्रकृति में ${ }_5 B ^{10}$ और ${ }_5 B ^{11}$ की मात्रा का अनुपात होगा
विखंडन अभिक्रिया
$
{ }_{92}^{236} U \rightarrow{ }^{117} X +{ }^{117} Y + n + n
$
में $X$ और $Y$ की प्रति न्यूक्लिओन बंधन ऊर्जा $8.5 MeV$ है जबकि ${ }^{236} U$ की $7.6 MeV$ है। मुक्त हुई कुल ऊर्जा होगी-
${ }_3 Li ^7$ तथा ${ }_2 He ^4$ की बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिओन $5.6 MeV$ तथा $7.06 MeV$ है तो एक प्रोटॉन की ऊर्जा निम्न समी. में होगी- ${ }_3 Li ^7+ p \longrightarrow 2{ }_2 He ^4$
दी गयी समीकरण में
$
z ^{ A } \longrightarrow Z +1 Y ^{ A } \longrightarrow Z -1 K ^{ A -4} \longrightarrow Z-1 K ^{ A -4}
$
रेडियोएक्टिव विकिरण किस क्रम में निकलेंगे?
किसी दिए गए प्रवर्धक में कोई npn ट्रांजिस्टर उभयनिप्ट उत्सर्जक विन्यास में संयोजित है। $800 \Omega$ का कोई लोड प्रतिरोध संग्राइक परिपथ में संयोजित है और इसके सिरों पर $0.8 V$ विभवपात है। यदि धारा प्रवर्थक गुणांक $0.96$ है तथा परिपथ का निवेश प्रतिरोध $192 \Omega$ है, तो इस प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि तथा शक्ति लब्धि क्रमश: होगी :
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