पृथ्वी तल से 5 मीटर ऊंचाई पर स्थित एक टोटी से पानी की बूंदें बराबर समयान्तर पर गिरती है। पानी की तीसरी बूंद टोटी से तब निकलती है जब पहली बूंद पृथ्वी तल को छूती है। इस क्षण दूसरी बूंद पृथ्वी तल से कितनी ऊंचाई पर है? $( g =10$ मी/सेकंड 2$)$
तीन भिन्न पिण्ड जिनके द्रव्यमान $m _1, m _2, m _3$ है को एक साथ एक ऊंचाई से छोड़ तीन अलग घर्षणतहित पथों से दिया गया। पृथ्वीतल पर पहुंचने पर इनके वेगों का अनुपात होगा-
एक पत्थर शून्य वेग से एक टॉवर के शिखर से छोड़ने पर यह पृथ्वीतल पर 5 सेकंड में पहुंचता है। खम्बे की ऊंचाई $\left( g =10\right.$ मी/सेकंड $\left.{ }^2\right)$
एक कार विरामावस्था से चलकर कुछ समय बाद $\alpha$ त्वरण प्राप्त कर लेती है तथा फिर $\beta$ मंदन से चलकर रूक जाती है। यदि कुल लिया गया समय $t$ हो तो कार का अधिकतम वेग होगा-
एक कार 200 मीटर की दूरी तय करती है। यात्रा का पहला आधा भाग वह 40 किमी/घंटा वेग से तथा दूसरा आधा भाग $v$ वेग से चलती है। यदि औसत वेग 48 किमी/घंटा है तो $v$ का मान है-
एक पिण्ड को एक टॉवर के शिखर से छोड़ा गया। यह यात्रा के अंतिम दो सेकण्डों में 40 मी. चलता है। तो टॉवर की ऊंचाई होगी $\left( g =10\right.$ मी/सेकंड $\left.{ }^2\right)$
एक बस किसी दूरी का एक तिहाई 10 किमी/घंटा वेग से, दूसरा तिहाई भाग 40 किमी/घंटा वेग से तथा तीसरा तिहाई भाग 60 किमी/घंटा वेग से चलती है। बस का औसत वेग होगा-
एक ट्रेन की लम्बाई 150 मी. है। यह उत्तर दिशा में 10 मी./सेकंड के वेग से चलती है। एक तोता 5 मी./सेकंड से दक्षिण दिशा में रेलमार्ग के समान्तर उड़ता है। कितने समय में तोता ट्रेन को पार कर जाएगा।
एक कार एक सीधी सड़क पर एक समान त्वरण से चलती है। यह दो बिन्दुओं $P$ तथा $Q$ से 30 किमी/घंटा तथा 40 किमी/घंटा से गुजरती है। P तथा Q कुछ दुरी पर है। तो $P$ तथा $Q$ के मध्य बिन्दु पर कार का वेग है-
समय के फलन के रूप में किसी कण का स्तिथि सदिश $\overrightarrow{ R }$ दिया गया है:
$
\vec{R}=4 \sin (2 \pi t) \hat{i}+4 \cos (2 \pi t) \hat{j}
$जहाँ $R$ मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है और $\hat{ i }$ तथा $\hat{ j }$ क्रमश: $X$-तथा $y$-दिशाओं के अनुदिश एकांक सदिश हैं। इस कण की गति के लिये निम्नांकित में से कौनसा कथन सही नहीं है?
यदि सदिश $\overrightarrow{ A }=\cos \omega t \hat{i}+\sin \omega \hat{ j }$ तथा सदिश $\overrightarrow{ B }=\cos \frac{\omega t }{2} \hat{ i }+\sin \frac{\omega t }{2} \hat{ j }$ समय के फलन है, तो $t$ का मान क्या होगा जिस पर ये सदिश परस्पर लंबकोणि होगी?
एक कण इस प्रकार गति करता है कि इसके स्थिति निर्देशांक $(x, y)$ निम्न प्रकार हैं
(2मी, 3 मी) समय $t=0$ पर (6मी, 7 मी) समय $t=2$ सेकण्ड पर (13मी, 14 मी) समय $t=5$ सेकेण्ड पर तो, $t =0$ से $t =5$ सेकण्ड तक, औसत वेग सदिश $\left(\overrightarrow{ V }_{ av }\right)$ होगा
एक प्रक्षेप्य को पृथ्वी की सतह से 5 मी/से के वेग से क्षैतिज दिशा से $\theta$ कोण पर छोड़ा जाता है। किसी अन्य ग्रह से 3 मी/से के वेग तथा इसी कोण $(\theta)$ पर छोड़े गये एक प्रक्षेप्य का प्रक्षेप पथ, पृथ्वी से छोड़े गये प्रक्षेप्य के प्रक्षेप पथ के सर्वसम (सर्वथा समान) है। यदि पृथ्वी पर मी $/ से ^2$ में होगा।
एक प्रक्षेप्य को क्षैतिज से $45^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया गया है, तो प्रक्षेप बिन्दु से देखने से, प्रक्षेप्य के उच्चतम बिन्दु पर उसका उन्नयन कोण होगा:
एक प्रक्षेपास्त्र को अधिकतम परास के लिए प्रक्षेपित किया गया है। इसका प्रारम्भिक वेग $20 m / s$ है। यदि $g =10 m / s ^2$ हो तो प्रक्षेपास्त्र का परास होगा:
$\vec{a}$ से $\vec{f}$ तक छः सदिशों के परिमाणों और दिशाओं को, दिये गये चित्र (आरेख)में प्रदर्शित किया गया है। निम्नलिखित में से कौन सा कथन इनके लिये सत्य (सही) है?
एक वस्तु पर लगे तीन बल इस चित्र में दर्शाए गए हैं। यदि इन बलों का परिणामी बल केवल $y$-दिशा में होना हो तो $X$-अक्ष की दिशा में आवश्यक अतिरिक्त बल का न्यूनतम मान क्या होगा?
$m$ द्रव्यमान का एक कण क्षैतिज दिशा से $45^{\circ}$ का कोण बनाते हुए $v$ वेग से प्रक्षेपित किया गया है। कण के समतल जमीन पर उतरने पर उसके संवेग में परिवर्तन का परिमाण होगा :
$\overrightarrow{ A }$ और $\overrightarrow{ B }$ दो सदिश हैं जिनके बीच का कोण $\theta$ है। यदि $|\overrightarrow{ A } \times \overrightarrow{ B }|=\sqrt{3}(\overrightarrow{ A } \cdot \overrightarrow{ B })$, तो $\theta$ का मान होगा-
किसी प्रक्षेप्य के लिए प्रक्षेपण कोणों $\left(45^{\circ}-\theta\right)$ और $\left(45^{\circ}\right.$ $+\theta)$ पर, इनके द्वारा तय की गई क्षैतिज परास का अनुपात है:
एक कार 100 मीटर त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर समान चाल से गति कर रही है। यह प्रत्येक चक्कर $62.8$ सेंकड में पूरा करती है। प्रत्येक चक्कर का औसत वेग और औसत चाल क्रमशः है:
सदिश $\overrightarrow{ A }$ और $\overrightarrow{ B }$. इस प्रकार हैं कि $|\overrightarrow{ A }+\overrightarrow{ B }|=|\overrightarrow{ A }-\overrightarrow{ B }|$ इन दो सदिशों के बीच का कोण है:
एक मैदान के दो छोरो $A$ और $B$ पर दो लड़के खड़े हैं जहाँ $AB = a$ है। $B$ पर खड़ा हुआ लड़का $AB$ के लम्बवत $v _1$ वेग से दौड़ना शुरू करता है। उसी समय $A$ पर खड़ा हुआ लड़का $v$ वेग से दौड़ना शुरू करता है और दूसरे लड़के को $t$ समय में पकड़ लेता है। $t$ है:
यदि सदिश $\overrightarrow{ A }$ और $\overrightarrow{ B }$ के बीच का कोण $\theta$ है तो $(\overrightarrow{ B } \times \overrightarrow{ A }) \cdot \overrightarrow{ A }$ का मान है:
1 मीटर लम्बी रस्सी के एक सिरे पर पत्थर बाँधकर उसे एक क्षैतिज वृत्त में स्थिर चाल से घुमाया जाता है। यदि पत्थर 44 सेकंड में 22 चक्कर लगाता है तो पत्थर के त्वरण का मान व इसकी दिशा क्या होगी?
यदि $|\overrightarrow{ A } \times \overrightarrow{ B }|=\sqrt{3} \overrightarrow{ A } \cdot \overrightarrow{ B }$ हो तो $|\overrightarrow{ A } \times \overrightarrow{ B }|$ का मान है:
$\ell$ लम्बाई की रस्सी के एक सिरे पर पत्थर बाँधकर उसके दूसरे सिरे को केंद्र बनाकर उसे ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। किसी निश्चित समय पर, पत्थर अपनी निम्नतम स्थिति में $u$ वेग से है। जब यह इस स्थिति में पहुँचेगा कि रस्सी क्षैतिज हो तो इसके वेग के परिमाण में परिवर्तन है: $( g$ गुरुत्वीय त्वरण है)
एक कण $\frac{20}{\pi}$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्तीय यहा पर एक समान त्वरण से चलता है। यदि गति शुरू होने के बाद दूसरे चक्कर के खत्म होने पर कण का वेग 80 मी/सेकंड है, तो इसका स्पर्शरेखीय त्वरण है:
यदि दो सदिश $\overrightarrow{ A }=3 \hat{ i }+4 \hat{ j }+5 \hat{ k }$ तथा $\overrightarrow{ B }=3 \hat{ i }+4 \hat{ j }-5 \hat{ k }$ हो तो इनके बीच का कोण
एक छोटे गोले को धागे में बांधकर $O$ के सापेक्ष ऊर्ध्वाधर वृत में घुमाया जाता है। यदि उसकी औसत चाल बढ़ायी जाए तो धागा टूटने की स्थिति में आ जाता है। उस समय गोले की स्थिति होगी-
एक कण एक बल $\overrightarrow{ F }=20 \hat{ i }+15 \hat{ j }-5 \hat{ k } N$ के प्रभाव से वेग $6 \hat{i}-4 \hat{j}+3 \hat{k}$ मी/सेकंड से गतिशील है। इसकी क्षमता होगी-
एक नाव स्थिर पानी में 5 किमी/घंटा से चलती है। नदी की चौड़ाई 1 किमी है। यदि नाव न्यूनतम पथ पर चलकर नदी को 15 मिनट में पार करती है तो नदी के बहाव का वेग होगा:
एक $0.4$ किग्रा का द्रव्यमान 2 चक्कर/सेकंड से ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। वृत्त की त्रिज्या $1.2$ मीटर है तो उच्चतम बिन्दु पर धागे में तनाव होगा
यदि कोणीय वेग $\vec{\omega}=3 \hat{i}-4 \hat{j}+\hat{k}$ तथा स्थिति सदिश $\overrightarrow{ r }=5 \hat{ i }-6 \hat{ j }+6 \hat{ k }$ हो तो रेखीय वेग होगा:
एक $0.25$ किग्रा की बॉल एक $1.96$ मी लम्बे धागे में बांघकर क्षैतिज वृत्त में घुमायी जाती है। यदि धागे में तनाव $25 N$ से अधिक हो तो धागा टूट जाता है। कितने अधिकतम वेग से बॉल को घुमाओगे?
दो कण $A$ तथा $B$ एक छड़ $AB$ पर है। यह छड़ लम्बवत् रेलों पर फिसलती है। $A$ का वेग बायें की ओर 10 मी/सेकंड है तो $B$ का वेग होगा यदि $\alpha=60^{\circ}$
एक बिन्दु $\overrightarrow{ r }=7 \hat{ i }+3 \hat{ j }+ k$ पर बल $\overrightarrow{ F }=-3 \hat{ i }+\hat{ j }+5 \hat{ k }$ कार्यरत है। है इसका आघूर्ण है।
एक बंदूक से एक गोली 1000 मी/सेकंड से 100 मी दूर किसी लक्ष्य पर दागी जाती है। लक्ष्य से कितनी ऊंचाई पर बंदूक को रखना होगा? (हवा का घर्षण नगण्य है तथा $g=10$ मी $/$ सेकंड $^2$ )
$Y$ दिशा में गतिश्तील एक पिण्ड पर बल $\overrightarrow{ F }=(-2 \hat{ i }+15 \hat{ j }+6 \hat{ k }) N$ कार्यतर है। यदि यह $Y$ दिशा में 10 मीटर चला हो तो किया गया कार्य है।
$M$ द्रव्यमान का एक पिण्ड $A , V$ वेग से क्षैतिज से $30^{\circ}$ तथा समान द्रव्यमान दूसरा पिण्ड $B$ समान वेग से क्षैतिज से $60^{\circ}$ पर प्रक्षेपित किया जाता है। उनके क्षैतिज परासों का अनुपात होगा
यदि $\overrightarrow{ A }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच कोण $\theta$ है तो $\overrightarrow{ A } \cdot(\overrightarrow{ B } \times \overrightarrow{ A })$ का मान है
एक बस सड़क पर उत्तर दिशा में 50 किमी/घंटा के समान वेग से चलती है। यह $90^{\circ}$ पर मुड़ती है। तथा मुड़ने के बाद भी चाल समान रहती है। मुड़ने के दौरान वेग में कितनी बढ़ोतरी हुई।
तीन सदिश $\overrightarrow{ A }, \overrightarrow{ B }$ तथा $\overrightarrow{ C }$ के परिणाम क्रमशः 3,4 , 5 मात्रक है। यदि $\overrightarrow{ A }+\overrightarrow{ B }=\overrightarrow{ C }$ तो $\overrightarrow{ A }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच का कोण है।
कोई कार त्रिज्या $R$ की वक्रित सड़क पर गतिमान है। सड़क कोण $\theta$ पर झुकी है। कार के टायरों और सड़क के घर्पण-गुणांक $\mu_{ s }$ है। इस सड़क पर कार का अधिकतम सुरक्षा वेग है:
दो पत्थरों के द्रव्यमान $m$ तथा $2 m$ है, भारी पत्थर को $\frac{ r }{2}$ त्रिज्या के तथा हल्के पत्थर को $r$ त्रिज्या के वृताकार क्षैतिज पथों में घुमाया जाता है। जब ये पत्थर एक समान अभिकेन्द्रीय बल अनुभव करते है, तब हल्के पत्थर का रेखीय वेग भारी पत्थर के रेखीय वेग का $n$ गुना है $n$ का मान है:
किसी तख्ते के एक सिरे पर एक बक्सा रखा है। तख्ते के उस सिरे को धीरे - धीरे ऊपर की ओर उठाया जाता है। तख्ते के क्षैतिज से $30^{\circ}$ कोण बनाने पर बक्सा नीचे की ओर फिसलना प्रारम्भ करता है और $4.0 s$ में $4.0 m$ दूरी तय कर लेता है? तो बक्से तथा तख्ते के बीच स्थैतिक तथा गतिक घर्पण गुणांको का क्रमश: मान होगा:
$m$ द्रव्यमान का एक बैलून (गुब्बारा) $a$ त्वरण से नीचे उतर रहा है (जहाँ $a < g$ )। इसमें से कितने द्रव्यमान का पदार्थ हटा दिया जाय कि यह $a$ त्वरण से ऊपर की ओर जाने लगे ?
यहां दर्शाये गये निकाय में तीन पिण्ड $m _1, m _2$ तथा $m _3$ एक रस्सी से जुड़े हैं जो एक घिरनी $P$ के ऊपर होकर गुजरती है। $m _1$ मुक्त रूप से लटका है और $m _2$ तथा $m _3$ एक रूक्ष क्षैतिज मेज पर है, जिसका घर्षण गुणांक $\mu$ है। घिरनी घर्षणरहित है और इसका द्रव्यमान नगण्य है। यदि $m _1= m _2= m _3= m$ है, तो $m _1$ का अधोमुखी ( नीचे की ओर) त्वरण होगा
$m$ द्रव्यमान के किसी कण पर आरोपित बल $F$ को बल समय ग्राफ द्वारा दर्शाया गया है। समय $t =0$ से $t =8$ सेकण्ड तक के अन्तराल में कण के संवेग में परिवर्तन होगा
किसी नत-समतल का कोण $\theta$ है। उसका ऊपरी आधा भाग पूर्णतः चिकना है तथा निचला आधा भाग खुरदरा है। इस नत-समतल के ऊपरी सिरे से एक ब्लॉक (गुटका) नीचे की ओर फिसलता है। यदि गुटका प्रारंभ में विराम स्थिति में था तो, फिसलते हुए, वह नत-समतल की तली पर फिर से विराम अवस्था में आ जायेगी जब गुटके और नत समतल के नीचे आधे भाग के बीच घर्षण गुणांक का मान हो:
तीन ब्लॉकों (गुटकों) के द्रव्यमान क्रमश : $m , 2 m$ तथा $3 m$ हैं, ये आरेख (चित्र) में दर्शाये गये अनुसार डोरियों से जुड़े हैं। $m$ ब्लॉक पर ऊपर की ओर $F$ बल लगाने पर, सभी गुटके एक स्थिर वेग $v$ से, ऊपर की ओर गति करते हैं। $2 m$ द्रव्यमान के ब्लॉक पर नेट बल कितना है? ( $g$ गुरुत्वीय त्वरण है)
$m$ द्रव्यमान की एक कार, $R$ त्रिज्या के किसी वृत्ताकार समतल पथ पर गति कर रही है। यदि सड़क तथा कार के टायरों के बीच स्थैतिक घर्षण $\mu_s$ हो तो, वृत्तीय गति में कार की अधिकतम चाल होगी :
एक पत्थर को $h$ ऊँचाई से गिराया जाता है। यह एक निश्चित संवेग $P$ से भू-तल से टकराता है, यदि इसी पत्थर को, इस ऊँचाई से $100 \%$ अधिक ऊँचाई से गिराया जाये तो भू-तल से टकराते समय इसके संवेग में परिवर्तन होगा :
$1000 kg$ द्रव्यमान की एक कार घर्षणहीन सड़क पर 90 $m$ त्रिज्या के एक ढालू (झुके हुए) मोड़ से गुजरती है। यदि मोड़ का झुकाव कोण $45^{\circ}$ हो तो, कार की चाल है :
एक संवाहक पट्टा $2 m / s$ की स्थिर चाल से घूर्णन कर (घूम) रहा है। एक बक्से को इसके ऊपर धीरे से रखा जाता है। इन दोनों के बीच घर्षण गुणांक $\mu=0.5$ है। तो पट्टे पर विराम अवस्था में आने से पहले पट्टे के सापेक्ष बक्से के द्वारा तय की गई दूरी $g$ का मान $10 ms ^{-2}$, लेते हुए होगी:
एक व्यक्ति का द्रव्यमान $60 kg$ है। वह $940 kg$ द्रव्यमान के लिफ्ट में खड़ा होकर लिफ्ट का बटन दबाता है, जिससे लिफ्ट $1.0 m / s ^2$ के त्वरण से ऊपर की ओर गति करती हैं। यदि $g =10 ms ^{-2}$ हो तो, उस केबल में, जिससे लिफ्ट लटकी रहती है, तनाव होगा:
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