एक बिन्दु सरल आवर्त दोलन करता है जिसका आवर्तकाल $T$ और चलन का समीकरण $x = a \sin (\omega t +\pi / 6)$ है। आवर्तकाल के किस अंश के पश्चात् बिन्दु का वेग उसके अधिकतम वेग का आधा होगा ?
एक कण आयाम $a$ के साथ सरल आवर्ती दोलन करता है। इसका दोलनकाल $T$ है। इस कण को अपनी साम्य अवस्था से आयाम की आधी दूरी चलने में लगने वाला कम से कम समय होगा $-$
एक ऊर्ध्व दिशा की कमानी को धरातल पर चित्र के अनुसार स्थायी किया गया है तथा इसके ऊपरी सिरे के पलड़े पर $2.0$ किग्रा द्रव्यमान की वस्तु रखी है। कमानी और पलड़े के भार नगण्य हैं। थोड़ा दबाकर छोड़ देने पर द्रव्यमान सरल आवर्ती गति करता है। कमानी का बल नियतांक 200 न्यूटन/मी है। आवर्त गति का न्यूनतम आयाम कितना होना चाहिए, जिससे ऊपर रखी वस्तु पलड़े से अलग हो जाये?( मान लो $g =10$ मी $/$ से $^2$ )
एक स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान का आवर्तकाल $T$ है। यदि स्प्रिंग को चार बराबर भागों में बांट दिया जाए व समान द्रव्यमान को किसी एक भाग से लटकाये तो आवर्तकाल होगा :
एक सरल लोलक का आयाम वास्तविक आयाम का $1 /$ 3 भाग हो जाता है जब वह 100 दोलन पूरे कर लेता है। जब वह 200 दोलन पूरे कर लेता है तो उसका आयाम $S$ भाग हो जाता है जहां $S$ का मान होगा-
एक $m$ द्रव्यमान का पिण्ड ऊर्ध्वाधरत सरल: आवर्तगति करता है। जब द्रव्यमान को स्प्रिंग $A$ से लटकाया जाता है तो उसका आवर्तकाल $t_1$ तथा $B$ से लटकाने पर आवर्तकाल $t _2$ है। यदि $A$ तथा $B$ को दिये गये चित्र की तरह जोड़ा जाए तो आवर्तकाल $t _0$ दिया जाता है
दो द्रव्यमान $M _{ A }$ तथा $M _{ B }$ को दो तारों, जिनकी लम्बाइयां $L _{ A }$ तथा $L _{ B }$ है, से लटकाने पर सरल आवर्तगतियां करते है। यदि इनकी आवर्तियों में संबंध $f _{ A }=2 f _{ B }$ हो तो
एक कण पर दो सरल आवर्तगतियां है। ये है$x = A \cos (\omega t +\delta) ; y = A \cos (\omega t +\alpha)$ जब $\delta=\alpha+\frac{\pi}{2}$, तो परिणामी गति होगी $-$
दो सरल लोलकों की लम्बाई $5$ मीटर तथा $20$ मीटर है। इनमें छोटा सरल रेखीय विस्थापन एक ही समय तथा एक ही दिशा में है। ये फिर एक ही कला में होंगे जब छोटी लम्बाई वाले लोलक ने $.......$ दोलन पूरे करे?
दो सरल आवृत्तगति एक दूसरे के लम्बवत् है अर्थात् एक $x - $ अक्ष में तथा दूसरा $y-$ अक्ष में है। यदि दोनों का आयाम समान तथा कलान्तर $\pi / 2$ हो तो पथ होगा $-$
एक कण दो परस्पर लम्बवत् सरल आवर्त गतियाँ इस प्रकार करते हैं कि इसके $x$ तथा $y$ अक्ष इस प्रकार दिये जाते है : $x =2 \sin \omega t ; \quad y =2 \sin A \left(\omega t +\frac{\pi}{4}\right)$ कण का पथ होगा
एक पिण्ड सरल आवर्तगति करता है। जब उसका विस्थापन माध्य स्थिति से $4$ सेमी तथा $5$ सेमी हो तो उसका वेग $10$ सेमी/सेकंड तथा $8$ सेमी/सेकंड है, इसका आवर्तकाल होगा $-$
एक सरल लोलक एक क्षैतिज दिशा में ' $a$ ' त्वरण से चलती हुई ट्राली की छत से लटका है। उसका आवर्तकाल $T =2 \pi \sqrt{\frac{\ell}{ g }}$ से दिया जाता है जहां $g$ का मान होगा
एक सरल लोलक का आयाम तथा कोणीय वेग क्रमशः $a$ तथा $\omega$ है। माध्य स्थिति से $x$ दूरी पर इसकी गतिज ऊर्जा $T$ तथा स्थितिज ऊर्जा $V$ है तो $T$ तथा $V$ का अनुपात होगा
एक कण पर रेस्टोरिंग बल उसके विस्थापन के समानुपाती है तथा घर्षण बल उसके वेग के समानुपाती है जबकि उस पर $F \sin \omega t$ का बल कार्य करता है। यदि कण का आयाम $\omega=\omega_1$ पर अधिकतम हो तथा कण की ऊर्जा $\omega=\omega_2$ पर अधिकतम हो तो
द्रव्यमान $m _1$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किसी दृढ़ टेक से ऊध्धाधर लटकी है। इस रस्सी के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _2$ का कोई गुटका जुड़ा है। रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्घ्य $\lambda_1$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्घ्य $\lambda_2$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_2 / \lambda_1$ का मान है :
एक सिरे पर बन्द तथा दूसरे सिरे पर खुला कोई वायु स्तम्भ किसी स्वरित्र द्विभुज के साथ उस समय अनुनाद करता है जब इस वायु स्तम्भ की कम-से-कम लम्बाई 50 सेमी. होती है। इसी स्वरित्र द्विभुज के साथ अनुनाद करने वाली स्तम्भ की अगली बड़ी लम्बाई है
$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$
एक डोरी दो स्थिर बिन्दुओं के बीच खिची है। इन बिन्दुओं के बीच की दूरी $75.0 cm$ है। इस डोरी की दो अनुनाद आवृत्तियाँ $420 Hz$ तथा $315 Hz$ है। इन दोनो के बीच में कोई अन्य अनुनाद आवृत्ति नहीं है, तो इस डोरी के लिए न्यूनतम अनुनाद आवृत्ति है
ट्रैफिक जैम के कारण एक मोटर साइकिल चालक अपनी चाल कम करते हुए उसे $36$ किमी प्रति घण्टे कर देता है। ट्रैफिक कम होने पर, उससे आगे $18$ किमी प्रति घण्टे की चाल से चलती हुई एक कार$, 1392$ हर्ट्ज आवृत्ति का हॉर बजाती है। यदि ध्वनि की चाल $343$ मी/ से है तो, मोटर साइकिल चालक को इस हॉर्न की आवृत्ति सुनाई देगी
यदि वायु में ध्वनि का वेग $340$ मी/से हो तो $,1250$ हर्ट्ज से कम आवृत्ति वाले 85 सेमी लम्बे एक सिरे पर बन्द नलिका $($पाइप$)$ में वायु $-$ स्तम्भ के संभव प्राकृतिक दोलनों की संख्या होगी
$100 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करता हुआ एक ध्वनि स्त्रोत $S$ तथा एक प्रेक्षक $O$, एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। यह ध्वनि स्त्रोत, $19.4 \ ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। उसके चलने की दिशा, स्त्रोत तथा प्रेक्षक की रिथितियों को मिलाने वाली सरलरेखा से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है $($आरेख देखिये$)$। यदि, प्रेक्षक अपनी रिथति पर ही रूका रहता है तो, प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आभासी आवृत्ति होगी (हवा में ध्वनि का वेग $\left.330 \ ms ^{-1}\right)$ :
यदि किसी रस्सी को तीन खंडों में विभाजित करने पर उन खंडों की मूल आवृत्तियां क्रमश: $n _1, n _2$ तथा $n _3$ हों, तो इस रस्सी की प्रारम्भिक मूल आवृति $n$ के लिए सम्बन्ध होगा
अज्ञात आवृत्ति का एक स्रोत, $250 Hz$ आवृत्ति के किसी अन्य स्रोत के साथ प्रति सेकंड 4 विस्पन्द उत्पन्न करता है। अज्ञान आवृत्ति का दूसरा संनादी ( हारमोनिक0), 513 $Hz$ आवृत्ति के स्रोत के साथ 5 विस्पन्द प्रति सेकन्ड उत्पन्न करता है। तो, अज्ञात आवृत्ति है:
किसी स्थिर वस्तु की ओर $220 ms ^{-1}$ की चाल से चलती हुई एक ट्रेन $1000 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करती है। इस ध्वनि का कुछ भाग उस वस्तु से टकराकर प्रतिध्वनि के रूप में वापस आ जाता है। ट्रेन के ड्राइवर द्वारा संसूचित (प्राप्त) इस प्रतिध्वनि की आवृत्ति होगी : (ध्वनि की वायु में चाल $330 ms ^{-1}$ )
एक दूसरे के निकट स्थित ध्वनि के दो स्त्रोंतों निम्न प्रकार निरूपित प्रगामी तरंगें उत्सर्जित कर रहे है : $y_1=4 \sin 600 \pi t$ तथा $y_2=5 \sin 608 \pi t$. इन दोनों स्त्रोतों के निकट स्थित एक श्रोता को सुनाई देगा :
किसी स्ट्रिंग (डोरी) को $\ell_1, \ell_2$ तथा $\ell_3$ लम्बाई के तीन भागों में विभाजित करने पर उनकी मूल आवृत्तियाँ क्रमश: $v_1, v_2$ तथा $v_3$ हैं तो, स्ट्रिंग की मूल आवृत्ति होगी:
किसी प्यानों के दो सर्वसम तारों का तनाव भी समान है और उसका मान $T$ है। इसकी मूल आवृत्ति $600 Hz$ है। यदि दोनों तारों के एक साथ कम्पन करने पर 6 विस्पंद प्रति सेकण्ड बने, तो तारों के तनाव में भिन्नात्मक वृद्धि होगी:
ध्वनि की तरंगे गर्म वायु में $350 m / s$ की चाल से तथा पीतल में $35000 m / s$ की चाल से चलती है, तो $700 Hz$ की ध्वनिक तरंग यदि गरम वायु से पीतल में प्रवेश करे तो उसकी तरंगदैर्ध्य:
$512 Hz$ आवृति का एक स्वरित्र द्विभुज, किसी प्यानो के कम्पमान तार के साथ प्रति सेकंड 4 विस्पन्द उत्पन्न करता है। प्यानो के तार पर थोड़ा सा तनाव बढ़ाने पर विस्पन्दों की आवृति 2 प्रति सेकंड हो जाती है। तनाव बढ़ाने से पहले प्यानो के तार की आवृति थी
किसी अनुप्रस्थ तरंग को $, y = A \sin \ ( wt - kx )$ से निरूपित किया जाता है। तरंगदैध्य के किस मान के लिये तरंग $-$ वेग, अधिकतम कण $-$ वेग के बराबर होगा?
दो डोरियों की लम्बाइयाँ $51.6 \ cm$ और $49.1 \ cm$ हैं और इनमें से प्रत्येक में पृथक$-$पृथक $20 N$ बल का तनाव कार्य करता है। दोनों डोरियों का प्रति मात्रक लम्बाई द्रव्यमान समान है और यह $1 g / m$. है। जब एक ही समय दोनों डोरियाँ साथ$-$साथ कम्पन करती हैं तो स्पन्दन संख्या होगी $:-$
एक डोरी में चलती तरंग का आयाम $2 \ cm$ है। यह तरंग $x-$ अक्ष की धन दिशा में $128 m / \sec$. की चाल से चल रही है और यह पाया गया है कि डोरी की $4 m$ की लम्बाई में $5$ पूरी तरंगें समा जाती हैं। तरंग सूचक समीकरण होगा:$-$
एक कार $30$ मीटर/सेकण्ड की चाल से एक पहाड़ी की ओर चल रही है। उसका चालक $600\ Hz$ आवृत्ति का हार्न बजाता है। यदि वायु में ध्वनि की चाल $330$ मीटर/सेकण्ड हो तो चालक द्वारा सुनी गई परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति होगी
एक कक्ष $A$ का रिभरवेरेशन काल एक सेकण्ड है। एक दूसरे कक्ष के सभी माप कक्ष $A$ की तुलना में दोगुने मान रखते हैं। इस दूसरे कक्ष का रिभरवेरेशन काल (सेकण्ड में) क्या होगा ?
क्रमशः $5.0$ मी और $5.5$ मी तरंगदैर्ध्य की दो ध्वनि तरंगें 330 मी/से के वेग से एक गैस में चल रही है। हम आशा कर सकते हैं कि प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या होगी:
$x$-अक्ष के साथ चल रही एक अनुप्रस्थ तरंग को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है:
$
y ( x , t )=8.0 \sin \left(0.5 \pi x -4 \pi t -\frac{\pi}{4}\right)
$
जहाँ $x$ का मान मीटर में और $t$ का सेकण्ड में है। इस तरंग की चाल होगी:
दो कम्पित स्वरित्र प्रगामी तरंगें उत्पन्न करते हैं जो क्रमशः हैं
$y _1=4 \sin 500 \pi t$ और $y _2=2 \sin 506 \pi t$.
प्रति मिनट उत्पन्न विस्पंदों की संख्या है:
एक बिन्दु स्रोत अवशोषण रहित माध्यम में सभी दिशाओं में समान रूप से ध्वनि उत्पन्न करता है। दो बिन्दु $P$ और $Q$ स्रोत से क्रमशः 2 मीटर तथा 3 मीटर दूरियों पर है। बिन्दुओं $P$ व $Q$ पर तंरगों की तीव्रताओं का अनुपात है:
एक कार एक ऊँची चोटी की ओर गति कर रही है। कार चालक आवृत्ति $f$ का हार्न बजाता है। चालक द्वारा सुनी गयी परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति $2 f$ है। यदि ध्वनि का वेग $v$ है, तो समान मात्रक में कार का वेग होगा:
निम्नलिखित दो तरंगों $ y _1=10^{-6} \sin \{100 t+( x / 50)+0.5\} m$
$y _2=10^{-6} \cos \{100 t+( x / 50)\} m $ के बीच कलान्तर जहाँ $x$, मीटर में तथा $t$ सेकण्ड में है, लगभग है:
एक प्रेक्षक ध्वनि की वेग की $1 / 5$ वेग से स्थिर स्रोत की ओर बढ़ रहा है। स्रोत द्वारा उत्पन्न ध्वनि की तंरगदैर्ध्य व आवृत्ति क्रमशः $\lambda$ और $f$ है। प्रेक्षक द्वारा प्रेक्षित आभासी तरंगदैर्ध्य व आवृत्ति होगी:
एक सीटी की आवृत्ति $385$ हर्टज है इसे $50$ सेमी त्रिज्या के क्षैतिज वृत्त में $20$ रेडियन/सेकंड के कोणीय वेग से घुमाया जाता है। श्रोता को कितनी न्यूनतम आवृत्ति सुनायी देगी जब वह केन्द्र से अधिकतम दूरी पर हो। हवा में ध्वनि का वेग $340$ मी/सेकंड है।
एक श्रोता तथा स्रोत एक दूसरे से $100$ मी/सेकंड $($पृथ्वी के सापेक्ष$)$ से दूर जा रहे हैं। यदि श्रोता को स्रोत से निकलने वाली आवृत्ति $1950$ हर्टज सुनायी पड़ती है तो स्रोत की वास्तविक आवृत्ति क्या होगी? $\left( V _{ s }=340\right.$ मी/सेकंड $)$
दो ध्वनि स्रोत $\lambda$ तरंगदैर्ध्य की ध्वनि निकालते है जबकि ये एक दूसरे से नियत दूरी पर है। एक श्रोता वेग $u$ से दोनों स्रोतों को जोड़ने वाली रेखा पर चलता है। श्रोता को कितनी विस्पंद/सेकन्ड सुनाई देगी?
एक गाड़ी के हॉर्न की आवृति $n$ है तथा यह श्रोता तथा गाड़ी को जोड़ने वाली रेखा के लम्बवत 30 मी/सेकंड से चलता है। श्रोता को आवृत्ति $n + n _1$ सुनायी देती है (जबकि ध्वनि का वेग हवा में 330 मी./से है) तो-
एक अनुप्रस्थ तरंग $y = y _0 \sin \frac{2 \pi}{\lambda}( vt - x )$ से प्रदर्शित होती है। $\lambda$ के किस मान के लिए कण का वेग तरंग के वेग का दोगुना होगा?
एक द्रव्यमान $m$ एक भारहीन स्प्रिंग से ऊधर्व्वाधर लटका है। यह $n$ आवृत्ति से दोलन करता है। इसकी आवृत्ति क्या होगी यदि द्रव्यमान बदलकर $4 \ m$ कर दिया जाए?
एक आगामी तरंग $y =60 \cos (180 t -6 x )$ से प्रदर्शित होती है। जहां $y$ माइक्रॉन $t$ सेकंड व $x$ मीटर में है। अधिकतम कण वेग तथा तरंग वेग का अनुपात होगा$-$
एक तारे में से $5000 \mathring A $ की तरंगे आती है जो पृथ्वी पर $1.50 \times 10^6$ मी/सेकंड से पहुंचती है। पृथ्वी पर पहुंचते हुए इसकी तरंग दैर्ध्य में क्या अंतर होगा?
एक अस्पताल में ट्यूमर को जाँचने के लिए अल्ट्रा सोनिक स्कैनर लगाया जाता है। स्कैनर की आवृति $4.2$ $MHZ$ है तथा ध्वनि की आवृत्ति $1.7$ किमी/सेकंड है तो ध्वनि की तरंग दैर्ध्य होगी-
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